बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्र के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज
सतीश चंद्र मिश्र ने तीन मार्च 2017 को भारत के निर्वाचन आयोग के सचिव मलय मलिक को पत्र लिखकर वादी को भाजपा का एजेंट/कार्यकर्ता कहा।
लखनऊ (जेेएनएन)। सामाजिक कार्यकर्ता को भाजपा का एजेंट कहने के आरोपों को लेकर बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र के विरुद्ध दायर मानहानि के मुकदमे को पंजीकृत कर लिया गया है। इसे पंजीकृत करते हुए अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ज्ञानेन्द्र त्रिपाठी ने वादी के बयान दर्ज करने की तिथि आगामी 20 सितंबर निर्धारित की है।
अदालत के समक्ष मानहानि के आरोपों को लेकर यह परिवाद रुचिखंड लखनऊ निवासी प्रताप चन्द्र ने दायर किया है। कहा गया है कि वादी एक सामाजिक कार्यकर्ता होने के साथ-साथ प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के विचारों एवं समाज सेवी भावनाओं का अनुयायी है। वादी का कहना है कि प्रजातंत्र के लिए निष्पक्ष चुनाव होने चाहिए तथा इसी उद्देश्य से उसने भाजपा के विरुद्ध उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के समक्ष याचिका दायर की थी।
आरोप लगाया गया है कि इसी दौरान सतीश चंद्र मिश्र ने तीन मार्च 2017 को भारत के निर्वाचन आयोग के सचिव मलय मलिक को पत्र लिखकर वादी को भाजपा का एजेंट/कार्यकर्ता कहा। इस पर उसने दो अगस्त को अपने अधिवक्ता के माध्यम से बसपा के राष्ट्रीय महासचिव को नोटिस भेजा जो उन्हें 14 अगस्त को प्राप्त हो गयी। फिर भी उन्होंने नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया। आरोप है कि सतीश चंद्र मिश्र के इस कृत्य से वादी को मानसिक एवं सामाजिक क्षति पहुंचाई है।