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CAA-NRC Protest in Lucknow : मशहूर शायर मुन्नवर राणा की बेटियों समेत 135 के खिलाफ FIR

CAA-NRC Protest in Lucknow लखनऊ में सीएए और एनआसरी विरोध प्रदर्शन पर 24 नामजद और 135 अज्ञात प्रदर्शनकारियों पर एफआइआर।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 20 Jan 2020 09:29 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jan 2020 08:15 AM (IST)
CAA-NRC Protest in Lucknow : मशहूर शायर मुन्नवर राणा की बेटियों समेत 135 के खिलाफ FIR
CAA-NRC Protest in Lucknow : मशहूर शायर मुन्नवर राणा की बेटियों समेत 135 के खिलाफ FIR

लखनऊ, जेएनएन। CAA-NRC Protest in Lucknow : सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहे 24 लोगों के खिलाफ नामजद और 135 अज्ञात लोगों पर एफआइआर दर्ज की गई है। ठाकुरगंज पुलिस ने कुल तीन रिपोर्ट कराई है। आरोपितों में मशहूर शायर मुन्नवर राणा की बेटी सुम्मैया और फौजिया राणा भी शामिल हैं। अपर पुलिस उप आयुक्त पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी के मुताबिक अज्ञात आरोपितों की पहचान की जा रही है।

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ठाकुरगंज थाने में तैनात महिला आरक्षी ज्योति कुमारी के मुताबिक शांति व्यवस्था बनाने के लिए महिला प्रदर्शनकारियों से तितर बितर होने के लिए कहा गया था। आरोप है कि इस पर सुम्मैया राणा, फौजिया, रूखसाना व सफी फातिया तथा 10 अज्ञात प्रदर्शनकारी महिलाओं ने एक राय होकर महिला आरक्षी के साथ धक्का मुक्की की। वहीं दारोगा कैलाश नारायण त्रिवेदी का आरोप है कि 17 जनवरी को वह गस्त पर थे। इसी बीच शाम को अचानक कुछ महिलाएं व पुरुष घंटाघर पर पहुंच गईं व सीएए का विरोध करने लगीं। इस दौरान लईक हसन और नसरीन जावेद ने महिलाओं को शांति भंग के लिए उकसाया।

दारोगा की तहरीर पर दोनों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है। यही नहीं, दारोगा सेठ पाल सिंह ने भी 18 नामजद और 100 से 125 अज्ञात लोगों पर एफआइआर दर्ज कराई है। आरोप है कि 17 जनवरी को अचानक से बड़ी संख्या में महिलाएं घरना देने के लिए घंटाघर पर आ गईं। धारा 144 का उल्लंघन करते हुए एक साथ सीएए व एनआरसी का विरोध किया। माहौल बिगड़ता देख कई थानों की पुलिस बुलानी पड़ी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर ही तितर बितर वाहन खड़े कर दिए, जिससे जाम की समस्या उत्पन्न हो गई। दारोगा की तहरीर पर शनिवार को एफआइआर दर्ज की गई।

अब गोमतीनगर में धरने पर बैठीं महिलाएं

सीएए और एनआरसी के विरोध में सोमवार शाम को गोमतीनगर के उजरियांव गांव स्थित दरगाह में मुस्लिम महिलाएं धरने पर बैठ गईं। सूचना पर मौके पर पहुंची गोमतीनगर थाने की पुलिस ने उन्हें समझाया और नागरिकता संशोधन कानून के विषय में जानकारी भी दी। साथ ही धरने का नेतृत्व कर रही असमां सिद्दीकी से बताया कि वह बिना पुलिस-प्रशासन के स्वीकृति के धरना दे रही हैं, जो कानूनन गलत है। पुलिस के समझाने व करीब दो घंटे चले प्रदर्शन के बाद महिलाएं अपने घर के तरफ जाने लगीं। असमां ने बताया कि उन्हें सब महिलाओं को लेकर घंटाघर प्रदर्शन के लिए जाना था, लेकिन कुछ लोगों के कहने पर वह वहीं बैठ गईं। उन्होंने मंगलवार को महिलाओं को लेकर घंटाघर जाने की बात कही। 


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