Fight Against Corona Virus : कोविड वेस्ट निस्तारण के लिए इंडस्ट्री के इंसीनरेटर भी होंगे इस्तेमाल
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या देखते हुए इनसे निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण जरूरत पड़ने पर इंडस्ट्री के भी इंसीनरेटर में कराया जाएगा।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या देखते हुए इनसे निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण जरूरत पड़ने पर इंडस्ट्री के भी इंसीनरेटर में कराया जाएगा। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। इंडस्ट्री के खतरनाक अपशिष्ट निस्तारण के लिए लगे इंसीनरेटर की क्षमता परखी जा रही है। साथ ही इन्हें तैयार रहने के निर्देश दे दिए गए हैं।
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों का इलाज करीब 160 अस्पतालों में हो रहा है। सरकार अस्पतालों की संख्या भी लगातार बढ़ा रही है। कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों का निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट का शत प्रतिशत निस्तारण इंसीनरेटर में किया जाना है। वर्तमान में 18 संयुक्त जैव चिकित्सा अपशिष्ट उपचार केंद्र हैं। इनकी कुल क्षमता 51.2 टन प्रतिदिन बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण की है।
इस समय करीब पांच से छह टन प्रतिदिन कोविड संक्रमित मरीजों का बायो मेडिकल वेस्ट निकल रहा है। साथ ही अस्पतालों का मेडिकल वेस्ट भी 15 टन प्रतिदिन निकलता है। अभी भी करीब प्रतिदिन 30 टन बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण इनमें और हो सकता है।
भविष्य में मरीजों की बढ़ती संख्या देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और अधिक बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण की संभावनाएं तलाश रहा है। इसी के तहत इंडस्ट्री में खतरनाक अपशिष्ट निस्तारण के लिए लगे इंसीनरेटर में भी कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों का बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारित किया जाएगा।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव आशीष तिवारी ने बताया कि कानपुर देहात में दो व गाजियाबाद में एक इंसीनरेटर खतरनाक अपशिष्ट निस्तारण के लिए लगा है। इनकी कुल क्षमता 68 टन प्रतिदिन है। जब 18 संयुक्त जैव चिकित्सा अपशिष्ट उपचार केंद्रों की क्षमता खत्म हो जाएगी तब इंडस्ट्री के इन इंसीनरेटर का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए उन्होंने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए।
क्वारंटाइन सेंटर का सामान्य कचरा नगरीय निकाय करेंगे निस्तारित
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गुरुवार को साफ किया कि प्रदेश में स्थित क्वारंटाइन सेंटर में निकलने वाला सामान्य कचरा नगरीय निकाय निस्तारित करेंगे। यहां बायो मेडिकल वेस्ट का ही निस्तारण संयुक्त जैव चिकित्सा अपशिष्ट उपचार केंद्र करेंगे। सामान्य कचरा निस्तारित करने से पहले नगरीय निकाय इसे सोडियम हाइपोक्लोराइट से विसंक्रमित करेंगे। बोर्ड के सदस्य सचिव ने गुरुवार को प्रदेश के सभी नगरीय निकायों, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारियों व बायो मेडिकल वेस्ट संचालकों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर स्थिति का जायजा लिया।