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एलडीए की पचास संपत्तियों में हुआ फर्जीवाड़ा, चार सदस्यीय टीम एक सप्ताह में देगी पूरी रिपोर्ट

अलग-अलग योजनाओं में 30 करोड़ रुपये के भूखंड व मकान। चार सदस्यीय टीम पूरे मामले की जांच करेगी एक सप्ताह में देगी रिपोर्ट। इनमें छह प्लाट गोमती नगर के वास्तुखंड के भी हैं जिनका कोई मालिक नहीं है अन्य प्लाटों का भी यही हाल है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 11 Nov 2020 08:47 AM (IST)Updated: Wed, 11 Nov 2020 08:47 AM (IST)
एलडीए की पचास संपत्तियों में हुआ फर्जीवाड़ा, चार सदस्यीय टीम एक सप्ताह में देगी पूरी रिपोर्ट
इससे बड़ी आर्थिक चोट के साथ ही एलडीए की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्न चिह्न लग गया है।

लखनऊ, (अंशू दीक्षित)। एलडीए में फर्जीवाड़ा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। अब एलडीए की अलग-अलग योजनाओं में पचास संपत्तियों का फर्जीवाड़ा सामने आया है। इन संपत्तियों की कीमत तीस करोड़ से अधिक बताई जा रही है। इसकी पूरी शिकायत एलडीए के इक्जीक्यूटिव सिस्टम एसबी भटनागर ने डीएम व एलडीए उपाध्यक्ष से की है। जांच में पाया गया कि संपत्तियों का डाटा कंम्प्यूटर रिकार्ड के अनुसार उनके यूजर आइडी से अलग-अलग तिथियों में अनाधिकृत व्यक्तियों के द्वारा परिवर्तित कर दिया गया। इनमें छह प्लाट गोमती नगर के वास्तुखंड के भी हैं, जिनका कोई मालिक नहीं है, अन्य प्लाटों का भी यही हाल है। यह बड़ी आर्थिक चोट के साथ ही एलडीए की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्न चिह्न लगाता है।

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डीएम व एलडीए उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए गए हैं। जांच के लिए चार सदस्यीय टीम बनाई गई हैं। यह टीम एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देगी । एलडीए की हर संपत्ति का ब्योरा कंम्प्यूटर पर दर्ज किया जाता है। आवंटी कही से ऑनलाइन अपनी संपत्ति के बारे में जान सकता है। यह काम देख रहे इक्जीक्यूटिव सिस्टम एसबी भटनागर ने एलडीए उपाध्यक्ष को अवगत कराया है कि वर्तमान समय में काेई अन्य यूजर आइडी से किसी अनाधिकृत व्यक्ति द्वारा भी संपत्तियों का डाटा बदलने से इंकार नहीं किया जा सकता है। यानी एलडीए की वेबसाइट व कंप्यूटर से जुड़ा काम पूरी तरह से असुरक्षित है। भटनागर ने स्वीकार किया है कि यह स्थिति अत्यन्त आपत्तिजनक एवं गंभीर है।

डीएम व एलडीए उपाध्यक्ष के आदेश पर सचिव पवन गंगवार ने चार सदस्यीय टीम बनाई है। संयुक्त सचिव ऋतु सुहास की अध्यक्षता में जांच की जाएगी। वहीं पुलिस आयुक्त लखनऊ से नामित साइबर एक्सपर्ट की मांग की है, जो जांच में तकनीकी बिन्दुओं को देखेगा, वहीं अधिशासी अभियंता पीएस मिश्रा और तहसीलदार राजेश कुमार शुक्ला भी जांच में सहयोग देंगे।

कइयों पर गिरेगी गाज

गाेमती नगर, कानपुर रोड सहित कई योजनाओं में जिन की हेराफेरी सामने आएगी, उनके खिलाफ निलंबन व मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई की जाएगी। निर्देश दिए गए हैं कि जांच में ऐसी व्यवस्था भी की जाए कि भविष्य में इस प्रकार के फर्जीवाड़े की पुनरावृत्ति न हो सके। इस संबंध में जांच समिति अपने सुझाव भी देगी। 


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