सेवानिवृत्त सूबेदार मेजर पर हमला, थाने पर पुलिस और वकीलों में भिड़ंत Lucknow news
वकीलों ने पुलिस पर पिटाई व अभद्रता का मामला कराया दर्ज। पुलिस ने वकीलों पर वर्दी फाडऩे व मारपीट का मुकदमा लिखाया।
लखनऊ, जेएनएन। सेना के सेवानिवृत्त सूबेदार मेजर पर हुए हमले की एफआइआर दर्ज कराने को लेकर पुलिस और वकीलों के बीच रविवार देर रात जमकर भिड़ंत हुई। आरोप है कि हमले की घटना को पुलिस हल्की धाराओं में दर्ज कराना चाहती थी। जिसका विरोध करने पर पीडि़त पक्ष के वकीलों की थाने में पुलिस ने जमकर पिटाई की। वहीं पुलिस ने वकीलों पर एफआइआर का दबाव बनाते हुए एक सिपाही की वर्दी फाडऩे व सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाया। मामला बढ़ते देख एसपी उत्तरी व सीओ सहित पांच थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस और वकीलों ने एक दूसरे के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
तेलीबाग के द्वारिकापुरी निवासी सेवानिवृत्त सूबेदार मेजर अरविंद कुमार रविवार को मोटरसाइकिल से बाबूखेडा गांव से अपने घर तेलीबाग आ रहे थे। आरोप है कि सफारी सवार पांच युवकों ने अरविंद को रोककर उनके साथ मारपीट और फिर पिस्टल से फायर कर दिया। घटना के बाद अरविंद अपने परिचित वकील रमाशंकर तिवारी के साथ पीजीआइ थाने में मुकदमा दर्ज कराने पहुंचे। थाने पर मौजूद तेलीबाग चौकी प्रभारी आशुतोष सिंह, चौकी प्रभारी वृदांवन राजू सिंह, सिपाही रामकुमार व राजकुमार अरविंद को गोली न चलने की बात कहते हुए हल्की धाराओं में मामला दर्ज कराने की बात कहते रहे।
ऐसे बढ़ा मामला
तहरीर बदलने को लेकर वकील रमाशंकर तिवारी से पुलिस कर्मियों के बीच विवाद हो गया। दोनो पक्षों के बीच कहासुनी होने लगी। मामला हाथापाई और मारपीट तक पहुंच गया। रमाशंकर तिवारी का आरोप है कि थाने पर मौजूद 40-50 पुलिसकर्मियों ने वकीलों से अभद्रता व उनकी पिटाई की। इसकी जानकारी मिलने पर एसपी उत्तरी अमित कुमार, सीओ कैंट बीनू सिंह के अलावा कृष्णानगर, गोमती नगर और हजरतगंज के सीओ मौके पर पहुंचे। थाने पर अधिवक्ता रमाशंकर तिवारी की तहरीर पर एसआइ आशुतोष सिंह, राजू सिंह, सिपाही रामकुमार व राजकुमार पर मारपीट सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर मामला शांत कराया। सीओ कैंट बीनू सिंह के मुताबिक अरविंद कुमार की तहरीर पर गौतम, अभिषेक व सनी पर मारपीट सहित अन्य धाराओं का मामला दर्ज किया गया है ।
चौकी इंजार्च ने भी दी तहरीर
चौकी इंचार्ज तेलीबाग ने भी मामले में तहरीर दी। आरोप लगाया कि वकील रमाशंकर व उनके साथियों ने कांस्टेबल आशीष सिंह व विकास मिश्र के साथ हाथापाई की। समझाने पर आशीष सिंह की वर्दी फाड़ दी।