बलरामपुर में विरोधियों को फंसाने के लिए बाप ने रची थी साजिश, ऐसे खुला मासूम की हत्या का राज
अपर पुलिस अधीक्षक अरविंद मिश्र ने बताया कि अंशू का शव 30 मार्च की रात गांव स्थित गन्ने के खेत से बरामद हुआ था। घटना में मृतका के पिता इंद्रजीत ने रामसूरत यादव व संचित कुमार पर हत्या का आरोप लगाते हुए तहरीर दी थी।
बलरामपुर, जेएनएन। क्षेत्र के शिवपुरा गांव के मजरे कल्याणपुर में 30 मार्च को हुई पांच वर्षीय अंशू की हत्या का पुलिस ने राजफाश कर दिया है। पिता इंद्रजीत मौर्य उर्फ छैलू ने ही अपनी मासूम बेटी की गला दबाकर निर्मम हत्या की थी। नारको परीक्षण के भय से आरोपित ने विपक्षियों को रंजिशन फंसाने के लिए इस घटना को अंजाम देने की बात स्वीकार की है।
अपर पुलिस अधीक्षक अरविंद मिश्र ने बताया कि अंशू का शव 30 मार्च की रात गांव स्थित गन्ने के खेत से बरामद हुआ था। घटना में मृतका के पिता इंद्रजीत ने रामसूरत यादव व संचित कुमार पर हत्या का आरोप लगाते हुए तहरीर दी थी। इस पर मुकदमा दर्ज कर आरोपितों को हिरासत में लिया गया था। प्रभारी निरीक्षक अनिल सिंह ने गहनता से छानबीन शुरू कर दी। इंद्रजीत के मुताबिक उसने जून व जुलाई 2020 में अपने खेत का बैनामा रामसूरत यादव व संचित कुमार की पत्नी को किया था। इसका पूरा प्रतिफल उसने प्राप्त कर लिया था। बाद में वह जमीन की कीमत बढ़ जाने की बात कहकर दोनों से और रुपये की मांग करने लगा। मना करने पर वह दाेनों से रंजिश रखने लगा। दोनों के खिलाफ फर्जी आरोप लगाकर प्रार्थना पत्र देकर न्यायालय में वाद दायर कर दिया।
इसी रंजिश को लेकर इंद्रजीत 30 मार्च को योजनाबद्ध तरीके से अपनी बेटी को गोद में लेकर गांव से बाहर नहर पार कर कल्यानपुर निवासी काटू के गेहूं के खेत में गया। वहां अपनी बेटी की गला दबाकर हत्या कर दी। शव को वहीं छोड़कर गांव में वापस आ गया। नाटकीय ढंग से बेटी को खोजने के लिए उसने शोर मचाना शुरू किया। मंदिर से बेटी को ढूंढ़ने के लिए घोषणा भी कराई। खेत में शव मिलने के बाद उसने नियाेजित रूप से रामसूरत यादव व संचित कुमार पर हत्या का आरोप लगाया। विवेचना के दौरान इंद्रजीत की संलिप्तता सामने आई। कड़ाई से पूछताछ के दौरान नारको परीक्षण कराने का भय दिखाया, तो उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। आरोपित को गिरफ्तार करने वाली टीम में हेड कांस्टेबल मनोज कुमार सिंह व राजेश कुमार मौर्य शामिल रहे।