हाइवे पर करना है सफर तो भूलकर न करें यह गलती, वरना टोल प्लाजा पर होना पड़ेगा परेशान
पांच फीसद वाहनों में टोल स्टीकर नहीं है या फिर रिचार्ज न होने से टोल प्लाजा पर लग रहा जमा। यात्री को टोल पर पहुंचकर आ रही रिचार्ज की याद आम यात्री हो रहे परेशान। हवाई साबित हो रहे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की दावे।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) की लाख कोशिशों के बाद भी टोल प्लाजा पर वाहनों की कतारें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एनएचएआइ का दावा था कि मिनटों में फास्टैग को स्कैनर स्कैन करेगा और वाहन निकल जाएंगे, लेकिन महीनों बाद भी स्थिति जस की तस है। टोल की कई लेन होने के बाद भी वाहनों की कतारे, उन्नाव, रायबरेली, सीतापुर जैसे हाई वे पर देखी जा सकती हैं। कुछ कमियां एजेंसी की है तो कुछ वाहन चालकों की।
इस पूरे खेल में वह यात्री सबसे ज्यादा परेशान हो रहा है जिसके वाहन पर फास्टैग लगा है और वह रिचार्ज भी है, लेकिन दस से पंद्रह मिनट टोल प्लाजा पर अव्यवस्थाओं के कारण खराब हो रहे हैं। एनएचएआइ के परियोजना निदेशक एनएन गिरी कहते हैं कि पांच फीसद लोगों ने अभी भी फास्टैग नहीं लगवाया है। कुछ ऐसे भी हैं, जो स्टैग को रिचार्ज करने में लापरवाही करते हैं और मौके पर जाकर याद आता है। ऐसे में वह खुद के साथ और लोगों के लिए भी परेशानी पैदा करते हैं। ऐसे लोगों की वजह से दूसरों को तो विलंब होता ही है साथ वह खुद भी कैश में ज्यादा भुगतान करना पड़ता है।
निगोंहा टोल प्लाजा पर आधा दर्जन से अधिक लेन है। एनएचएआइ ने अपने हिसाब से बेहतर व्यवस्था कर रखी है लेकिन कार्यदायी संस्था द्वारा व्यवस्थाओं को बनाए रखने में पूरी तरह से सफल नहीं हो पा रही है। फास्टैग को स्कैन करने वाली मशीनें लगाने के पीछे मंशा थी कि वाहन हाई वे पर ज्यादा देर तक खड़े नहीं होंगे और स्कैनर की जद में आते ही स्कैन करेंगे और बैरियर स्वत: खुलते ही वाहन मिनटों में निकल जाएंगे। लेकिन, फास्टैग को स्कैन करने में तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं। इससे काउंटर पर बैठे कर्मी को मशीन लेकर वाहनों के सामने लगाना पड़ रहा है, तब कहीं जाकर वाहन पर लगा फास्टैग स्कैन हो पा रहा है। इससे टोल पर लेन की कतारें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।