कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा के ट्वीट पर लखीमपुर के किसान ने यूं दिया जवाब, सर...सच नहीं सुनना चाहती सियासत
सुबह से शाम तक सैकड़ों फोन उठा चुके आलोक झुंझलाते हुए कहते हैं कि सियासत की सबसे बड़ी कमजोरी यही है कि वो सच नहीं सुनना चाहती। आम आदमी के हित के लिए राजनीति करनी चाहिए लेकिन उसके कंधे पर बंदूक नहीं रखनी चाहिए।
लखीमपुर, [धर्मेश शुक्ला]। बुधवार सुबह सवा आठ बजे प्रियंका वाड्रा एक ट्वीट करती हैं और लखीमपुर जिले के किसान आलोक मिश्र चर्चा में आ जाते हैं। प्रियंका के इस ट्वीट का सच जानने को बेताब घंटियों से आलोक मिश्र का फोन दिन भर बजता रहा। जब सच सामने आया तो कांग्रेस महासचिव (यूपी प्रभारी) प्रियंका वाड्रा ट्रोल होने लगीं। दरअसल, जिस गन्ना किसान का बकाया होने की बात कही जा रही थी, उसे सारा भुगतान पांच जनवरी को ही कर दिया गया था। यह बात उसने खुद स्वीकार की।
दरअसल, प्रियंका ने किसी न्यूज चैनल की खबर के हवाले से ट्वीट कर दिया कि लखीमपुर के गन्ना किसान आलोक मिश्र का छह लाख रुपये का भुगतान न मिल पाने की वजह से उन्हें तीन लाख का कर्ज लेना पड़ा। सुबह से शाम तक सैकड़ों फोन उठा चुके आलोक झुंझलाते हुए कहते हैं कि सियासत की सबसे बड़ी कमजोरी यही है कि वो सच नहीं सुनना चाहती। आम आदमी के हित के लिए राजनीति करनी चाहिए, लेकिन उसके कंधे पर बंदूक नहीं रखनी चाहिए। हां, यह सच है कि गन्ने का भुगतान थोड़ा विलंब से मिला, लेकिन कर्ज लेने की बात सही नहीं है। आलोक ने कहा कि मेरी आधी बात सुनकर ही झूठ फैला दिया गया। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस में दोबारा जान फूंकने में जुटी प्रियंका ने लिखा था कि किसान को इलाज के लिए लोन लेना पड़ा। इधर, किसान आलोक मिश्र का कहना है कि प्रियंका ने बिना पूरी बात जाने ये ट्वीट कर दिया।
खीरी के धौरहरा तहसील क्षेत्र के ग्राम फत्तेपुर निवासी युवा किसान आलोक मिश्र ने कुछ दिन पहले किसी चैनल पर कहा था कि उसका गन्ना बकाए का भुगतान बाकी था जो उसे देर से मिला। बस इसे देखते ही प्रियंका ने उसे ट्वीट कर दिया। फिर क्या था उनको ट्रोल करने वालों की लाइन लग गई। बात आलोक तक पहुंच गई तो उन्होंने बाकायदा एक वीडियो जारी कर प्रियंका को पूरी बात समझने के बाद ट्वीट करने की सलाह दे डाली।
क्या कहते हैं आलोक
दैनिक जागरण से बात करते हुए आलोक ने बताया कि ये सही है कि उनका गन्ने का भुगतान बकाया था लेकिन अब वो सारा भुगतान हो चुका है। उन्होंने किसी से ये नहीं कहा कि पैसा न मिलने के कारण उनको कर्ज लेना पड़ा। उन्होंने कहा उनके दादाजी बीमार थे उनका मेदांता में इलाज चल रहा था। उनको पैसे की जरूरत थी पर सब मैनेज हो गया था और चीनी मिल ने भी मदद की थी। अब उनको मिल या सरकार से कोई दिक्कत या शिकायत नहीं है।
झूठ और भ्रम फैला रही कांग्रेस
प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि कांग्रेस का झूठ बेनकाब हो गया है। उन्होंने कहा कि पिछले पंद्रह दिनों में गन्ना किसानों का 3814 करोड़ बकाया भुगतान किया जा चुका है। कांग्रेस के झूठ को खुद किसान ने ही उजागर कर दिया है।