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पुल‍िस में भर्ती नहीं हो सका तो बन गया फर्जी एसएसबी सिपाही, ट्रेनों में करने लगा वसूली-ग‍िरफ्तार

सौरभ को चिनहट में रहने वाले उसके दोस्त वीरेंद्र के घर से बैग से रुपये चोरी करने के आरोप में पकड़ा गया है। वीरेंद्र के मुताबिक वह मूल रूप से बिहार का रहने वाला है। ट्रेन में सफर के दौरान उसकी मुलाकात सौरभ से हुई थी।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 12:03 AM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 08:05 AM (IST)
पुल‍िस में भर्ती नहीं हो सका तो बन गया फर्जी एसएसबी सिपाही, ट्रेनों में करने लगा वसूली-ग‍िरफ्तार
लखनऊ के चिनहट में पुलिस ने दोस्त के घर से दबोचा। नकली पिस्टल, वर्दी और सिपाही का आइकार्ड बरामद।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। सिपाही में भर्ती नहीं हो सका तो वर्दी बनवाकर फर्जी सिपाही बन गया। वह ट्रेनोंं में सफर के दौरान वर्दी पहनकर और नकली पिस्टल लगाकर लोगोंं से वसूली करता। खुद को एसएसबी का सिपाही बताता। चिनहट पुलिस ने मंगलवार शाम फर्जी सिपाही बनकर वसूली करने वाले सौरभ कुमार उर्फ गोपाल प्रसाद को गिरफ्तार कर लिया। वह मूल रूप से झारखंड के कोडरमा का रहने वाला है।

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एसीपी विभूतिखंड अनूप कुमार सिंह ने बताया कि फर्जी सिपाही बने सौरभ के पास से नकली पिस्टल, वर्दी, फर्जी आइकार्ड बरामद किया है। उन्होंने बताया कि सौरभ को चिनहट में रहने वाले उसके दोस्त वीरेंद्र के घर से बैग से रुपये चोरी करने के आरोप में पकड़ा गया है। वीरेंद्र के मुताबिक वह मूल रूप से बिहार का रहने वाला है। ट्रेन में सफर के दौरान उसकी मुलाकात सौरभ से हुई थी। सौरभ ने खुद को एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) का सिपाही बताया था। सौरभ का कहना है कि बीते दिनोंं जब सौरभ से उनकी ट्रेन में मुलाकात हुई तो उन्होंने लखनऊ आने को कहा था।

सोमवार को सौरभ लखनऊ आया। सौरभ उनके साथ ही घर पर रुका था। वीरेंद्र के घर पर उसके साथी कबीरुल और रंजन कुमार भी रहते हैं। वीरेंद्र के मुताबिक देर रात सौरभ कमरे में रखे बैग से रुपये चुरा रहा था। एकाएक उसकी आंख खुल गई। उसने सौरभ को चोरी करते देखा तो विरोध किया। सौरभ ने धमकी देनी शुरू कर दी। इस बीच वीरेंद्र ने पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पुलिस पहुंची आरोपित को हिरासत में ले लिया गया। इसके बाद उससे पूछताछ शुरू। पूछताछ में पता चला कि सौरभ फर्जी सिपाही है। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

सिपाही परीक्षा में नहीं हो सका था पास : एसीपी ने बताया कि सौरभ से पूछताछ में पता चला कि वह सिपाही बनना चाह रहा था। उसने सिपाही भर्ती की परीक्षा भी दी थी पर पास नहीं हो सका था। इसके बाद उसने एसएसबी सिपाही की वर्दी खरीदी, पहचानपत्र और नकली पिस्टल खरीद ली। वह ट्रेन से आने जाने के दौरान वर्दी पहनकर चलता था। वह सामान्य बोगी में ही घूम-घूमकर यात्रियों से वसूली करता और उनपर रौब गांठता।


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