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बीजेपी से चुनाव लड़ने के लिए सीएम योगी के नाम से पीएम मोदी को भेजा फर्जी पत्र, CBI ने दर्ज किया केस

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी को जाली पत्र भेजे जाने का बड़ा मामला सामने आया है। यह पत्र जौनपुर के शिवाजी यादव ने पीएम मोदी को भेजा था जिसमें यूपी के उपचुनाव में उसे बीजेपी से टिकट देने की सिफारिश की गई थी।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 22 Dec 2020 01:14 AM (IST)Updated: Tue, 22 Dec 2020 07:45 AM (IST)
बीजेपी से चुनाव लड़ने के लिए सीएम योगी के नाम से पीएम मोदी को भेजा फर्जी पत्र, CBI ने दर्ज किया केस
सीबीआइ जांच में सीएम योगी के कथित लेटरहेड पर पीएम मोदी को भेजा गया पत्र फर्जी निकला है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाली पत्र भेजे जाने का बड़ा मामला सामने आया है। यह पत्र जौनपुर के एक युवक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा था, जिसमें उपचुनाव में उसे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से टिकट देने की सिफारिश की गई थी। पत्र फर्जी होने की शंका पर प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने उसकी जांच सीबीआइ से कराने का निर्णय किया था। सीबीआइ जांच में प्रधानमंत्री को लिखा गया पत्र फर्जी पाया गया है। सीबीआइ लखनऊ की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने मामले की जांच क बाद केस दर्ज कर लिया है।

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यह करतूत जौनपुर निवासी शिवाजी यादव ने की थी। मामले की आरंभिक जांच के बाद रिपोर्ट सीबीआइ मुख्यालय को दी गई थी। फर्जी पत्र 13 जून, 2019 को प्रधानमंत्री कार्यालय को मिला था। सितंबर 2019 को इसकी जांच सीबीआइ लखनऊ की स्पेशल क्राइम ब्रांच को सौंपी गई थी। सूत्रों का कहना है कि जांच में सामने आया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कथित लेटरहेड पर भेजा गया पत्र फर्जी निकला है।

पत्र जौनपुर के बदलापुर पोस्ट आफिस से स्पीड पोस्ट के जरिए प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजा गया था। जौनपुर निवासी संदीप सिंह की ओर से पत्र भेजा गया था। जांच एजेंसी ने जब संदीप से पूछताछ की तो उसने कोई पत्र भेजने से इनकार कर दिया। हालांकि, उससे पत्र और लिफाफे पर हैंडराइटिंग शिवाजी यादव की होने की बात सामने आई थी।

सीबीआइ जांच में यह भी सामने आया कि पत्र में जो मोबाइल नंबर दिया गया है, उसे शिवाजी यादव प्रयोग करता है। जांच में आरोपित शिवाजी के विशाल यादव के भी लगातार संपर्क में होने की बात सामने आई। सूत्रों का कहना है कि विशाल ने सीबीआइ को बताया कि शिवाजी भाजपा से टिकट हासिल करने की फिराक में था। सीबीआइ दिल्ली ने मामले में रेगुलर केस दर्ज कर लिया है, जिसकी जांच सीबीआइ लखनऊ को दी गई है।


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