फर्जी प्रमाणपत्रों से नौकरी पाने वाले 11 शिक्षक बर्खास्त
लखनऊ। अंबेडकरनगर में फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्रों लगाकर नौकरी पाए 11 शिक्षकों को बीएसए ने
लखनऊ। अंबेडकरनगर में फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्रों लगाकर नौकरी पाए 11 शिक्षकों को बीएसए ने बर्खास्त कर दिया है। इसमें से तीन शिक्षकों ने वेतन भुगतान लिया है, जबकि शेष आठ शिक्षकों को अभी वेतन भुगतान किए जाने की प्रक्रिया चल रही थी। उक्त फर्जीवाड़े ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा कराए गए सत्यापन पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं। वहीं बीएसए ने डायट प्राचार्य को उक्त दोषियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने को पत्र लिखा है।
वर्ष 2008 में विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण के उपरांत परीक्षा वर्ष 2013 के परिणाम पर विशेष आरक्षण के तहत जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में 71 शिक्षकों की भर्ती की गई थी। इसमें से 28 शिक्षकों की सूची यहां आलापुर स्थित डायट की ओर से बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय को उपलब्ध कराई गई थी। यही नहीं डायट ने उक्त शिक्षकों के शैक्षिक समेत जाति प्रमाण पत्रों का भी सत्यापन कराए जाने के बाद अभिलेखों की सत्यता पर मुहर भी लगाई थी। इसी के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग में नियुक्ति पाए शिक्षकों को वेतन भुगतान की प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसी बीच कुछ शिक्षकों के अंकपत्रों के फर्जी होने की शिकायत मिलने के बाद बीएसए ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पहले वेतन भुगतान पर रोक लगा दी। हालांकि तबतक तीन शिक्षकों के वेतन का भुगतान किया जा चुका था। मामले में बीएसए ने शिक्षकों के अभिलेखों का सत्यापन कराना शुरू किया तो 10 शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों में बीएड के अंकपत्र फर्जी पाए गए जबकि एक शिक्षक द्वारा प्रस्तुत किया अनुसूचित जाति का प्रमाणपत्र फर्जी मिला। इस पर बीएसए ने रामनगर विकासखंड में तैनात शिक्षकों में हरिप्रसाद, अरुण कुमार, अवधेश कुमार, रामतिलक, दुर्गा प्रसाद कनौजिया, मंतूराम, विनोद कुमार व रामरुद्र के अलावा जलालपुर में तैनात सुरेश कुमार, टांडा से विनोद कुमार तथा अकबरपुर में तैनात जय प्रकाश को बर्खास्त किए जाने का आदेश जारी कर दिया है। इसमें रामरुद्र द्वारा प्रस्तुत किया गया अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र फर्जी होने के साथ उक्त शिक्षक के पिछड़ा वर्ग में होने की पुष्टि हुई। खास बात है फर्जी अभिलेखों के सहारे नौकरी हासिल करने वाले सभी शिक्षकों के अभिलेखों का डायट आलापुर द्वारा ही सत्यापन कराया गया था। ऐसे में डायट सत्यापन प्रक्रिया को लेकर सवालों के घेरे में है। बीएसए ने डायट प्राचार्य को पत्र भेजकर तथाकथित शिक्षकों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने तथा प्रशिक्षण प्रमाण पत्र को परीक्षा नियामक से निरस्त कराए जाने की संस्तुति की है। इसके अलावा वेतन के तौर पर भुगतान की गई धनराशि की वसूली कर राजकीय कोष में जमा कराने को कहा है।