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UP: गर्भवती को स्वास्थ्य इकाई तक लाने और घर पहुंचाने के लिए मिलेगी एंबुलेंस, मातृत्व अभियान दिवस पर बढ़ेंगी सुविधाएं

गर्भवती महिलाओं को दूसरी व तीसरी तिमाही में गुणवत्तापरक जांच व उपचार की सुविधा देने को स्वास्थ्य इकाइयों की संख्या बढ़ाने की तैयारी है। अभियान दिवस नौ अगस्त को गर्भवतियों को स्वास्थ्य इकाइयों तक लाने व वापस ले जाने के लिए 102 एंबुलेंस का ब्लाकवार माइक्रोप्लान तैयार हो रहा है।

By Vikas MishraEdited By: Published: Mon, 09 Aug 2021 08:53 AM (IST)Updated: Mon, 09 Aug 2021 06:57 PM (IST)
UP: गर्भवती को स्वास्थ्य इकाई तक लाने और घर पहुंचाने के लिए मिलेगी एंबुलेंस, मातृत्व अभियान दिवस पर बढ़ेंगी सुविधाएं
प्रदेश सरकार नारी के सम्मान व सुरक्षा को देखते हुए मिशन शक्ति अभियान का संचालन किया जा रहा है।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। गर्भवती महिलाओं को दूसरी व तीसरी तिमाही में एएनसी यानी गुणवत्तापरक जांच व उपचार की सुविधा देने के लिए स्वास्थ्य इकाइयों (पीएमएसएमए क्लीनिक) की संख्या बढ़ाने की तैयारी है। साथ ही अभियान दिवस नौ अगस्त को गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य इकाइयों तक लाने व वापस ले जाने के लिए 102 एंबुलेंस का ब्लाकवार माइक्रोप्लान तैयार हो रहा है। अभियान दिवस में आरसीएच पंजीकरण के लिए विशेष काउंटर लगाये जाएंगे। जिन लाभार्थियों के पास ये नंबर नहीं है, उनका तत्काल पंजीकरण करके आरसीएच नंबर दिया जाएगा। इसके साथ प्रभारी चिकित्सा अधिकारी की ओर से बैंक के साथ समन्वय स्थापित करके विशेष काउंटर लगाए जाएंगे। जिन लाभार्थियों के बैंक खाते नहीं है, उनका तत्काल बैंक खाता खोलने की प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी। इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई है।

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प्रदेश सरकार नारी के सम्मान व सुरक्षा को देखते हुए मिशन शक्ति अभियान का संचालन किया जा रहा है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उप्र की ओर से गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित मातृत्व की समस्त सेवाएं देने के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) के तहत मुफ्त जांचे व उपचार की सेवाएं मिल रही हैं। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि अभियान दिवस को बड़े रूप में संचालित किया जाना है। प्राथमिकता के आधार पर इस माह फैसलिटीवार कार्यनीति तैयार होगी।

एएनएम व आशा की ओर से गर्भवती महिलाओं को बुलाने के लिए काल स्लिप भेजी जाएगी। उन्हें राजकीय चिकित्सालयों में कम से कम एक बार विशेषज्ञ या एमबीबीएस चिकित्सक की देख-रेख में जांच व उपचार कराना जरूरी है। बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार से लेकर प्रदेश की योगी सरकार तक स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। वहीं, कोरोनाकाल में बच्चों को नियमित लगने वाले टीकों के अभियान पर भी काफी असर पड़ा। हालांकि, यूपी में कोरोना की स्थिति ठीक होते ही स्वास्थ्य महकमा एलर्ट मोड पर आ गया। 


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