Move to Jagran APP

PM नरेंद्र मोदी के बाद अब CM योगी आदित्यनाथ के साथ काम करने को तैयार एके शर्मा

AK Sharma प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद विश्वस्त अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा को खास भूमिका के लिए उत्तर प्रदेश भेजा गया है। 2001 में जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे तो शर्मा उनके सचिव थे। 2014 में मोदी के पीएम बनने के बाद वह पीएमओ से जुड़े थे।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 04:22 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 12:13 PM (IST)
PM नरेंद्र मोदी के बाद अब CM योगी आदित्यनाथ के साथ काम करने को तैयार एके शर्मा
अरविंद कुमार शर्मा को खास भूमिका के लिए उत्तर प्रदेश भेजा गया है

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के मऊ के मूल निवासी गुजरात कैडर के रिटायर्ड आइएएस अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा को अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ काम करने की जिम्मेदारी मिल सकती है। करीब दस वर्ष तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ काम करने वाले अरविंद कुमार शर्मा को विधान परिषद सदस्य बनाकर अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ भी काम करने का मौका दिया जा सकता है।

loksabha election banner

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बेहद विश्वस्त अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा को खास भूमिका के लिए उत्तर प्रदेश भेजा गया है। 2001 में जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे तो शर्मा उनके सचिव थे। 2014 में नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के बाद वह पीएमओ से जुड़े थे। गुजरात में नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री रहते हुए एके शर्मा करीब तेरह वर्ष तक सीएम ऑफिस में में रहे। अब उनको योगी आदित्यनाथ के साथ काम करने की जिम्मेदारी देने की भूमिका तैयार हैं। मोदी मैन के नाम से विख्यात एके शर्मा करीब 18 वर्ष तक नरेंद्र मोदी के साथ परछाईं की तरह रहे। 1988 बैच के आइएएस अफसर एके शर्मा को पीएम मोदी ने अब मिशन यूपी पर भेजा है। अब उन्हेंं योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री बनाकर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है। 

सचिव के रूप में अरविंद कुमार शर्मा को नरेंद्र मोदी ने बहुत करीब से काम करते देखा। यहीं से उन्होंने मोदी का भरोसा जीता। भरोसा अब तक मजबूत बना है। इसी भरोसे के दम पर मोदी ने शर्मा को यूपी भेजने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि उन्हेंं राज्य में निवेश लाने की जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसके साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने का काम भी उन्हेंं दिया जाएगा। गुजरात में नरेंद्र मोदी के सचिव रहते हुए उन्होंने औद्योगिक निवेश का काम संभाला। वाइब्रेंट गुजरात समिट कराने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। मोदी के हर विदेश दौरे में शर्मा उनके साथ रहे। इसके साथ बजट बनाने में भी उनका अहम रोल रहता था। अब पहली पार अरविंद शर्मा मोदी की छत्र छाया से अलग अब योगी आदित्यनाथ के लिए काम करेंगे।

पीएम व सीएम की भेंट के बाद तैयार हुई भूमिका: पीएम मोदी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आठ जनवरी को नई दिल्ली में भेंट के बाद इसकी भूमिका तैयार हो गई थी। माना जाता है कि पीएम मोदी ने उसी समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस फैसले से अवगत करा दिया था। अरविंद कुमार शर्मा को आर्थिक मामलों का जानकार समझा जाता है।

गांव से की पढ़ाई: मऊ के मुहम्मदाबाद गोहना तहसील के रानीपुर विकास खंड अंतर्गत के काझा खुर्द गांव के रहने वाले स्व. शिवमूर्ति राय व शांति देवी के बड़े बेटे अरविंद कुमार शर्मा का जन्म 11 अप्रैल वर्ष 1962 में को हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय प्राथमिक विद्यालय से हुई। इसके बाद डीएवी इंटर कालेज, मऊ से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई पूरी कर उन्होंने स्नातक के लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय का रूख किया। यहां से राजनीति शास्त्र में परास्नातक करने के बाद वर्ष 1988 में उनका चयन गुजरात कैडर में भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए हो गया। वहां एसडीएम पद पर उनकी पहली तैनाती 1989 में हुई। वर्ष 1995 में मेहसाणा के कमिश्नर बने। गुजरात में नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री बने तो उनके कार्यालय के सचिव की जिम्मेदारी एके शर्मा को मिली। वर्ष 2013 में उनको पदोन्नत कर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रमुख सचिव की जिम्मेदारी दी गई। इसके बाद जून 2014 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव बना दिया गया। इसके बाद उनको कोरोना वायरस संक्रमण काल में सचिव एसएसएमई की जिम्मेदारी दी गई। इसी पद से उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली। टाटा नैनो को गुजरात लाने, राज्य में निवेश और वाइब्रेंट गुजरात समिट के आयोजनों में इनकी भूमिका अहम रही। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया से मास्टर ऑफ पब्लिक पॉलिसी और अमेरिका से स्ट्रक्चरिंग टैरिफ की ट्रेनिंग भी ली है।

गांव में खुशी का माहौल: एके शर्मा के भाजपा की सदस्यता ग्रहण करते ही उनके गांव में उनके यूपी में पार्टी के किसी वरिष्ठ पद पर आसीन होने की अटकलें और गरमा-गरम हो गई है। पूरे गांव में मकरसंक्रांति पर्व का उत्साह दोगुना हो गया है। स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद गुरुवार को आइएसएस एके शर्मा के भारतीय जनता पार्टी की सदस्य ग्रहण करने की सूचना मिलते ही उनके पैतृक गांव मऊ के रानीपुर विकास खंड के काझाखुर्द में खुशी की लहर है। उनके पैतृक आवास पर धीरे-धीरे बधाई देने वाले शुभचिंतकों, प्रियजन व रिश्तेदारों की भीड़ उमड़ने लगी है। पैतृक गांव में उनके छोटे भाई अरुण कुमार राय की पत्नी आने वाले शुभचिंतकों की आवभगत में लगी है। छोटे भाई एवं रिलायंस में मैनेजर अरुण कुमार राय ने बताया कि लखनऊ में ही हूं। भैया लखनऊ भाजपा कार्यालय में सदस्यता ग्रहण करने के बाद निकल गए हैं। भैया से देखा-देखी तो हुई लेकिन भीड़ और मीडिया को ही मैं संभालता रह गया। भैया का अभी चरणस्पर्श भी नहीं कर पाया हूं।

गांव के नरेंद्र तिवारी ने कहा कि हमें अरविंद कुमार शर्मा की प्रतिभा पर पूरा भरोसा है। वीआरएस लेने से पहले उन्होंने निश्चित तौर पर कुछ ऐसा सोचा होगा जिससे फिर से उनके मित्रों व गांव को गौरवान्वित होने का मौका मिलेगा। पूर्व प्रधानाध्यापक, काझाखुर्द, राम सनेही राय ने कहा कि एके शर्मा के इस कदम से सभी आश्चर्यचकित हैं। उनकी उपलब्धियों से पूरा गांव गौरवान्वित होता रहा है। वह काझा खुर्द के सपूत हैं। उन्हें लंबी उम्र मिले ताकि काझाखुर्द गांव ही नहीं पूरा देश उनकी प्रतिभा से लाभान्वित हो सके। अधिवक्ता तारकेश्वर राय ने कहा कि एके शर्मा एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी रहे हैं। पूरे गांव को उनके कार्यकाल की हर उपलब्धि पर गर्व है। ऐसे सपूत को जन्म देने का सौभाग्य किसी-किसी गांव और माता-पिता को मिलता है। अरविंद अपने अगले कदम से भी हमें निश्चित रूप से गौरवान्वित होने का मौका देंगे। 

यह भी पढ़ें: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी रिटायर्ड आइएएस अधिकारी एके शर्मा भाजपा में शामिल


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.