गांव-गांव पहुंचेगा भव्यता का संदेश, पंचांग, पोस्टर और फोल्डर तक में समाया कुंभ
सरकार के स्तर पर कुंभ की ब्रांडिंग अब भी युद्ध स्तर पर जारी है। इसके लिए साहित्य छपवाकर रोज वितरण हो रहा है। सरकार कुंभ की भव्यता गांव-गांव पहुंचाना चाहती है।
लखनऊ, जेएनएन। हालांकि कुंभ के दो स्नान पर्व (मकर संक्रांति और पूस पूर्णिमा) संपन्न हो चुके हैं, पर सरकार के स्तर पर कुंभ की ब्रांडिंग अब भी युद्ध स्तर पर जारी है। इसके लिए अलग-अलग तरह के साहित्य लाखों की संख्या में छपवाकर प्रयागराज के कुंभ के अलावा भाजपा के जिला मुख्यालयों पर यहां से रोज वितरण के लिए भेजे जा रहे हैं। सरकार की मंशा है कि इनके जरिये कुंभ की भव्यता गांव-गांव पहुंचे।
सरकार का पहले से ही अनुमान है कि इस कुंभ में 13 करोड़ से अधिक लोग त्रिवेणी स्नान के लिए आएंगे। दो स्नान पर्वों पर तीन करोड़ से अधिक लोग आ चुके हैं। अभी मौनी अमावस्या (चार फरवरी), बसंत पंचमी (10 फरवरी), माघी पूर्णिमा (19 फरवरी) और महाशिवरात्रि (चार मार्च) के चार स्नान पर्व बाकी हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव के ठीक पहले खुद की ब्रांडिंग के इस मौके को भुनाने में सरकार कोई कोर-कसर नहीं छोडऩा चाहती।
इसके लिए लगभग एक दर्जन तरह के साहित्य छपवाए गए हैं। लगभग सबकी टैग लाइन 'साफ नीयत : सही विकास' है। इसमें 25 लाख की संख्या एक पेज के कैलेंडर से लेकर 10 लाख तक की संख्या में पाकेट कैलेंडर के अलावा पेंट माई सिटी और कुंभ की विविधता को दर्शाने वाले 4.85 लाख कैलेंडर हैं। सर्वसिद्धिप्रद कुंभ प्रयागराज और कुंभ दर्शन के नाम से प्रयाग एवं कुंभ की महत्ता, आसपास के महत्वपूर्ण स्थानों को शामिल करती हुइ और उपयोगी सामग्री भी है। सर्वसिद्धिप्रद कुंभ का विमोचन तो अपनी पिछली वाराणसी की यात्रा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इसके अलावा पॉकेट बुक के रूप में कुंभ दिग्दर्शिका, पोस्टर, फोल्डर और सूचना पंचाग भी हैं। जरूरत के अनुसार सीमित संख्या में कुछ किताबें अंग्रेजी में भी छपी हैं।
कुंभ की दिव्यता के साथ विकास का संदेश भी
कुंभ में आये श्रद्धालुओं के माध्यम से यहां की दिव्यता एवं भव्यता के अलावा सरकार उनको विकास का भी संदेश देना चाहती है। इसके लिए विकास एवं विश्वास की नई मिसाल के नाम से करीब आठ लाख किताबें पहले ही छप चुकी थीं। आंकड़ों को अपडेट कर 10 लाख और किताबें भी छपकर जल्दी ही कुंभ और पार्टी के जिला कार्यालयों पर पहुंचेगी।