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श्रीराम जन्मभूमि परिसर में नींव की भराई का काम तेज, इंजीनियर विशेष तकनीक से कर रहे निर्माण कार्य

Ayodhya Ram temple Construction श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से सोमवार को ट्वीट कर जानकारी दी गई कि जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण का कार्य लगातार चल रहा है। नींव में एक फीट मोटी परत बिछाकर रोलर से कॉम्पैक्ट करने में चार से पांच दिन लग रहे हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 31 May 2021 07:46 PM (IST)Updated: Tue, 01 Jun 2021 12:25 AM (IST)
श्रीराम जन्मभूमि परिसर में नींव की भराई का काम तेज, इंजीनियर विशेष तकनीक से कर रहे निर्माण कार्य
श्रीराम जन्मभूमि परिसर में नींव की भराई में इंजीनियरों रोलर कॉम्पैक्ट कंक्रीट तकनीक का प्रयोग कर रहे हैं।

लखनऊ, जेएनएन। रामनगरी अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण कार्य समय और सुदृढ़ तरीके से पूरा करने के लिए कई महत्व निर्णय लिए हैं। अब कार्यदायी संस्था के इंजीनियरों और कर्मचारियों ने एक की बजाय दो शिफ्टों में दिन-रात काम शुरू किया है। श्रीराम जन्मभूमि परिसर में नींव के लिए लगातार चली खोदाई के बाद विशेषज्ञों की सलाह से यह निर्णय किया गया कि नींव भराई का कार्य रोलर कॉम्पैक्ट कंक्रीट तकनीक से किया जाएगा। लगभग 1,20,000 स्क्वायर फीट क्षेत्र में अभी तक चार परत बिछाई जा चुकी हैं। कुल 40-45 ऐसी ही परत बिछाई जाएंगी।

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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से सोमवार को ट्वीट कर जानकारी दी गई कि जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण का कार्य लगातार चल रहा है। लगभग 1,20,000 घन मीटर मलबा निकाला गया है। एक फीट मोटी परत बिछाकर रोलर से कॉम्पैक्ट करने में चार से पांच दिन लग रहे हैं। अक्टूबर माह तक यह कार्य पूर्ण होने की आशा है। ट्रस्ट के अनुसार मंदिर निर्माण में लगे सभी मजदूर और इंजीनियर रामलला की विशेष कृपा से स्वस्थ हैं।

चार दिन में तैयार हो रही है लेयर : संकट के बावजूद मंदिर निर्माण के प्रति पूरी तत्परता बरती जा रही है। गत माह कोरोना संकट गहराने के साथ मंदिर निर्माण कार्य में बाधा आने लगी थी, किंतु राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से प्रतिबद्धता का परिचय दिया गया और अब यह सुनिश्चित किया गया है कि 72 घंटे में नींव की प्रत्येक लेयर तैयार की जाए। हालांकि अभी एक लेयर में चार से पांच दिन का समय लग जा रहा है। पिछले बुधवार से इस लक्ष्य के अनुरूप काम भी शुरू हो गया है। इसके लिए कार्यदायी संस्था के कर्मचारियों ने एक के बजाय दो शिफ्टों में दिन-रात काम शुरू किया है।

कंक्रीट की 45 लेयर है बिछाई जानी : चार सौ गुणे तीन सौ वर्ग फीट क्षेत्र में ग्राउंड इंप्रूवमेंट के तहत चार सौ गुणे तीन सौ वर्ग फीट क्षेत्र में इंजीनियर्ड फिल्ड मटीरियल की 40 से 45 लेयर बिछाई जानी है। जहां नींव की शुरुआती चार लेयर शिफ्ट करने में करीब दो माह का समय लगा, वहीं अब 72 घंटे में प्रत्येक लेयर के निर्माण की कार्ययोजना पर अमल शुरू हो गया है। समझा जाता है कि नींव का बाकी कार्य बरसात बीतते-बीतते पूरा कर लिया जाएगा। ग्राउंड इंप्रूवमेंट के साथ परकोटा निर्माण की भी तैयारी शुरू कर दी गई है।

15 जून को अयोध्या में जुटेंगे देश के शीर्षस्थ वास्तुविद् : कार्य को अपेक्षित गति देने के ही लिए तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने निर्माण के क्षेत्र की प्रतिष्ठित एजेंसी राजस्थान की बालाजी कंस्ट्रक्शन को भी अनुंबंधित किया है, जबकि एलएंडटी एवं टाटा कंसल्टेंसी जैसी अति प्रतिष्ठित इकाइयां शुरुआत से ही मंदिर निर्माण कार्य को गति देने में लगी हैं। फिल्ड मैटीरियल तैयार करने के लिए एलएंडटी ने जहां दो बड़े प्लांट लगाए हैं, वहीं बालाजी कंस्ट्रक्शन ने रामजन्मभूमि परिसर में ही कंक्रीट मिक्सिंग प्लांट स्थापित किया है। नींव की भराई के बाद मुख्य मंदिर के निर्माण का कहीं अधिक अहम कार्य शुरू होने वाला है और इसी तथ्य को ध्यान में रख कर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से 15 जून को अयोध्या में देशभर के प्रमुख वास्तुविदों की बैठक बुलायी गयी है। बैठक में वास्तुविद् राममंदिर सहित रामजन्मभूमि परिसर एवं संपूर्ण अयोध्या के सुंदरीकरण पर अपनी राय देंगे।


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