ऊर्जा मंत्री ने लखनऊ में उपकेंद्रों का किया निरीक्षण, कहा- उपभोक्ता सेवाओं में लापरवाही स्वीकार्य नहीं
उपकेंद्र व वर्कशॉप के निरीक्षण के दौरान ऊर्जा मंत्री ने दिए निर्देश। अधिक ट्रांसफॉर्मरों के फुंकने पर जताई नाराजगी जांच के निर्देश। 1912 की शिकायतों का करें त्वरित निस्तारण। कहा कि फीडरों की भी निगरानी कर उपभोक्ताओं को निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित कराएं।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री पं. श्रीकांत शर्मा ने विभागीय अधिकारियों के साथ शुक्रवार को राजधानी के गोसाईंगंज उपकेंद्र व राजाजीपुरम स्थित तालकटोरा कार्यशाला का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता सेवाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं है। निर्बाध बिजली सभी उपभोक्ताओं का हक है। उनकी शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही न हो यूपीपीसीएल चेयरमैन यह सुनिश्चित करें। बता दें कि 1912 में उक्त बिजली उपकेंद्रों से जुड़ी शिकायतें ज्यादा आ रही थी।
गोसाईंगंज उपकेंद्र के निरीक्षण के दौरान ऊर्जा मंत्री ने कहा कि ट्रांसफार्मरों के ओवरलोडिंग के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, यह उचित नहीं है। इस समस्या के स्थायी निराकरण के लिए प्रयास होने चाहिए। उन्होंने अधिक ट्रांसफार्मर फुंकने की शिकायतों पर नाराजगी जाहिर की। साथ ही इसके कारणों की जांच के लिए एमडी मध्यांचल सूर्य पाल गंगवार को निर्देशित किया। ऊर्जा मंत्री ने उपभोक्ता हित में 1912 पर प्राप्त होने वाली आपूर्ति और ट्रांसफार्मर जलने की शिकायतों का अविलंब संज्ञान लें, एमडी इसकी स्वयं निगरानी करें, तय समय में निस्तारण न होने पर लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
इसके बाद मंत्री ने तालकटोरा रोड स्थित ट्रांसफार्मर मरम्मत कार्यशाला का भी औचक निरीक्षण दिया। ट्रांसफॉर्मरों पर कलर मार्किंग न होने पर नाराजगी जताई। निर्देशित किया कि पूरे डिस्कॉम में डैमेज ट्रांसफार्मर जो लगने के बाद दोबारा गारंटी अवधि में फुंके, एक से अधिक बार फुंके ट्रांसफॉर्मरों तथा लगते ही फुंके ट्रांसफॉर्मरों की जांच कराने के निर्देश दिए। उन्होंने मरम्मत के लिए आये ट्रांसफॉर्मरों की मरम्मत का समय और घटाए जाने को कहा। साथ ही मरम्मत किये गए उपकरणों की जांच नियमित तौर पर टेस्ट डिवीजन से भी कराए जाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि फीडरों की भी निगरानी कर उपभोक्ताओं को निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित कराएं। एमडी मध्यांचल को निर्देशित किया कि तीन माह तक के बकायेदार उपभोक्ताओं का डोर नॉक करें, डिस्कनेक्शन कोई विकल्प नहीं है। किसी भी उपभोक्ता को परेशान न किया जाए, उन्हें बिल जमा करने के लिए प्रेरित करें।