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दुश्मन की गतिविधियों को नाकाम करेंगे रडार अतुल्य व अश्विनी, 3D तकनीक से होंगे लैस

थ्री डी तकनीक से लैस होंगे ऑटोमोबाइल रडार, वायु और थलसेना में होंगे शामिल। सटीक लगेगा निशाना।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 07 Oct 2018 01:59 PM (IST)Updated: Sun, 07 Oct 2018 02:21 PM (IST)
दुश्मन की गतिविधियों को नाकाम करेंगे रडार अतुल्य व अश्विनी, 3D तकनीक से होंगे लैस
दुश्मन की गतिविधियों को नाकाम करेंगे रडार अतुल्य व अश्विनी, 3D तकनीक से होंगे लैस

लखनऊ[निशांत यादव]।  घुसपैठ और दुश्मन की गतिविधियों की सटीक सूचना देकर उन पर भारतीय सेना का एयर डिफेंस सिस्टम अचूक वार कर सके इसके लिए जल्द ही अतुल्य राडार उनके पास होगा। राडार अश्विनी भारतीय वायुसेना की ताकत को बढ़ाएगा। डीआरडीओ का इलेक्ट्रानिक्स एंड राडार डेवलपमेंट इस्टेबलिश्मेंट ने जहां अश्विनी का ट्रायल पूरा कर लिया है। वहीं अतुल्य ट्रायल के दौर से गुजर रहा है। गोमतीनगर रेलवे स्टेशन ग्राउंड पर चल रहे मेगा साइंस टेक्नोलॉजी एंड इंडस्ट्री एक्सपो में डीआरडीओ ने इन राडारों का प्रोटोटाइप लगाया है।

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थ्री डी तकनीक वाले एयर डिफेंस फायर कंट्रोल राडार (एडीएफसीआर) अतुल्य में रिफ्लेक्टर एंटीना के साथ ट्रैकिंग राडार होगा। दिन और रात किसी भी समय और मौसम में अपनी रेंज में आसमान में नीचे उड़ रहे टारगेट की सटीक सूचना देगा। इसी राडार अश्विनी हवा में अपने टारगेट को ट्रैक कर सकेगा। इसका सेंसर 200 किमी क्षेत्र में आने वाले दुश्मन के विमान को देखकर नजदीकी एयरबेस को चेतावनी दे सकेगा। लड़ाई के समय एक्सप्रेस वे पर विमानों की लैंडिंग में भी यह भूमिका निभाएगा।

एलपीजी वाली मोटरसाइकिल: महाराजगंज के कक्षा 11 के छात्र विपुल भारद्वाज ने यह तकनीक विकसित की है। मनचला पीछा करे तो दबाएं बटन: यदि कोई युवती अपनी दोपहिया वाहन से चल रही हो और उसे किसी से खतरा हो तो केवल हैंडिल में लगे पैनिक बटन को दबाना होगा। जीएसएम तकनीक से यह बटन 1090 और 100 नंबर को अलर्ट कर देगा।ये है रडार अश्विनी का मॉडल।रेलवे ग्राउंड में चल रहे विज्ञान मेले में रडार अतुल्य का मॉडल।

लाजवाब है मिसाइल अस्त्र

डीआरडीओ ने तीन दिन पहले वायुसेना के लड़ाकू विमान से मिसाइल अस्त्र का परीक्षण किया था। इसका मॉडल भी एक्सपो में आया है। यह देश की पहली ऐसी मिसाइल है जो विजुअल रेंज के आगे जाकर हवा से हवा में मार करने में सक्षम है। डीआरडीओ के वरिष्ठ वैज्ञानिक नागेश्वरा राव ने बताया कि यह 100 किलोमीटर की दूरी तक निशाना साध सकती है।

कैमरा पहचानेगा वांछित अपराधी

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद उप्र ने फेस रिकोग्निशन एंड आइडिंटिफिकेशन कैमरा बनाया है। इससे अपराधी पकड़ में आ जाएंगे। कैमरे में एक बार किसी आरोपी की फोटो अपलोड कर दी गई तो वह व्यक्ति जब भी उस कैमरे के सामने से निकलेगा पहचान लिया जाएगा। कैमरा तुरंत इसमें दर्ज मोबाइल नंबर पर एसएमएस व वाट्सएप से संदेश भेज देगा।

सटीक लगेगा निशाना

रक्षा मंत्रालय के संगठन आइआरडीइ ने इन्सास पर होलोग्राफिक साइट माउंटेड बनाया है। इसमें जवान कुछ दूर से ही अपना टारगेट देख सकेगा। जिस लक्ष्य को जवान देखेगा, उस पर लेजर रिंग बन जाएगी। इससे निशाना बहुत सटीक लगेगा।

ऐसा होता है भीतर से पानी का जहाज

पानी का जहाज डिजाइन करने वाली कंपनी दर्शकों को 3डी तकनीक से तकनीक को बता रही है। जहाज में इंजन रूम से लेकर हैलो डेक पर खड़े होकर समुद्र का विशाल आंचल देखते ही बन रहा है।


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