लोहिया कर्मचारी हड़ताल: बंद रही डायलिसिस, 10 से ज्यादा ऑपरेशन टले Lucknow News
लोहिया संस्थान में डेपुटेशन पर लिए गए कर्मचारियों ने स्थायी नियुक्ति की मांग को लेकर सोमवार को हड़ताल कर दी।
लखनऊ, जेएनएन। लोहिया अस्पताल में स्थाई कर्मियों का कार्यबहिष्कार मरीजों पर आफत बन गई। ओपीडी से लेकर ओटी तक डॉक्टर गायब रहे। ऐसे में इलाज न मिलने से एक किशोरी बेहोश हो गई। वहीं रात से भूखे-प्यासे रहे मरीजों का ऑपरेशन नहीं हो सका।
कर्मचारी सुबह आठ से दस बजे तक मूर्ति गेट पर नारेबाजी करते रहे। ऐसे में ओटी में सिस्टर इंचार्ज न होने से डॉक्टर भी गायब रहे। लिहाजा, 10 से अधिक मरीजों के ऑपरेशन टल गए। वहीं महिला व अन्य विभागों की ओपीडी में कई डॉक्टरों की कुर्सी खाली रहीं। यहां इमरजेंसी में सुबह चार बजे मडिय़ांव निवासी शिवानी (15) को इलाज के लिए लाया गया। उसे बुखार व उल्टी हो रही थीं। इमरजेंसी से बिना इलाज उसे ओपीडी भेज दिया गया। यहां कक्षा संख्या चार में साढ़े दस बजे तक डॉक्टर नहीं आए। शिवानी बेहोश होकर फर्श पर गिर पड़ी। मां बिट्टू पानी छिड़ककर उसे राहत देने का प्रयास करती रहीं। मगर, कोई मदद को नहीं आया। ऐसे ही बाराबंकी निवासी विजय कुमार, मो. ताहिर, नरेंद्र कुमार, शबीना डायलिसिस के लिए सुबह आठ पहुंची। कर्मियों की हड़ताल बताकर यूनिट से बाहर कर दिया गया।
छुट्टी के बाद उमड़ी भीड, इलाज को तरसे
अवकाश के बाद खुले अस्पताल में जमकर भीड़ हुई। वहीं आठ से दस बजे तक मेडिसिन ओपीडी संख्या चार, पांच, आर्थोपेडिक के कक्ष संख्या छह, सात, जनरल सर्जरी के नौ, 10, 11, 12 में डॉक्टर गायब रहे। ऐसे ही महिला विंग की ओपीडी में भी कई कक्ष खाली रहे। यहां संविदा कर्मियों ने काउंटर पर पर्चा तो मरीजों का बना दिया, मगर डॉक्टर देखने के लिए मौजूद नहीं थे। ऐसे में रविवार को गोंडा से आईं सायरा बानो सोमवार को भी नहीं दिखा सकी।
एक्स-रे, पैथोलॉजी बिना जांच लौटे सैकड़ों
अस्पताल में एक्स-रे, पैथोलॉजी, एमआरआइ जांच का काम ठप रहा। इंदिरा नगर निवासी निसार अली ब्लड जांच के लिए भटकते रहे। वहीं फूलमती, मालती, राममनोहर समेत 200 मरीज बगैर खून की जांच के लौटे गए। वहीं 40 के करीब मरीजों का एक्स-रे नहीं हो सका। पैथोलॉजी में थायरॉयड, बायोकेमिस्ट्री आदि मशीनें ठप रहीं। भर्ती मरीजों को भी दुश्वारियां उठानी पड़ीं।
यहां 11 बजे से शुरू हुआ काम
बाहर से लॉक किया दवा काउंटर मरीजों का बढ़ता बवाल देख कुछ कमरों में डॉक्टर पहुंचे। यहां उन्होंने मरीजों को दवा लिखी। वहीं दवा काउंटर पर फार्मासिस्टों ने हड़ताल कर रखी थी। अस्पताल प्रशासन ने इंटर्न फार्मासिस्टों को ड्यूटी पर लगाया। मगर कर्मचारियों ने बाद में धमकाकर बंद करा दिया। साथ ही बाहर से काउंटर को लॉक कर दिया। इस दौरान मरीजों ने हंगामा किया।
बेवजह किया कार्य ठप
लोहिया अस्पताल के निदेशक डॉ. डीएस नेगी के मुताबिक, कर्मियों का कार्यबहिष्कार बेवजह का है। शासन स्तर पर वार्ता कराई जा चुकी है। 187 में 161 को डेपुटेशन पर संस्थान में लिया जा रहा है। अन्य 26 को राजधानी के अस्पताल में तैनाती दी जा रही है। पूर्णरूप से कर्मियों का संस्थान में विलय संभव नहीं है। संविदाकर्मियों की ड्यूटी लगाकर कार्य कराने का प्रयास किया गया।