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सवालों के घेरे में लखनऊ नगर निगम के कर्मचारी, तीन माह में खर्च कर दिया साल भर का बजट

Lucknow Nagar Nigam अब शेष बची मामूली रकम से साल भर कैसे काम होगा? यह सवाल अब नगर निगम में चर्चा का विषय है। जांच के घेरे में नगर निगम में आरआर विभाग को देख रहे अधिकारियों से लेकर स्टोर का काम देख रहा लिपिक भी है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 06 Jul 2021 07:30 AM (IST)Updated: Tue, 06 Jul 2021 12:33 PM (IST)
सवालों के घेरे में लखनऊ नगर निगम के कर्मचारी, तीन माह में खर्च कर दिया साल भर का बजट
Lucknow Nagar Nigam: वाहनों के पुर्जे खरीदने और मरम्मत में खर्च किए गए 16 करोड़ रुपये।

लखनऊ, [अजय श्रीवास्तव]। Lucknow Nagar Nigam: वैसे तो नगर निगम का बजट साल भर के हिसाब से बनाया गया था लेकिन वाहनों की मरम्मत व पुर्जों की खरीद का बजट तीन माह में ही खत्म कर दिया गया। यह बजट भी सोलह करोड़ का था। यह कारनामा नगर निगम में कार्यशाला (आरआर, जहां वाहनों की मरम्मत होती है) के अधिकारियों और कर्मचारियों ने किया है। अब शेष बची मामूली रकम से साल भर कैसे काम होगा? यह सवाल अब नगर निगम में चर्चा का विषय है। जांच के घेरे में नगर निगम में आरआर विभाग को देख रहे अधिकारियों से लेकर स्टोर का काम देख रहा लिपिक भी है।  पिछले सालों में भी महंगी दरों पर पुर्जों को खरीदने का मामला सामने आया था लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने खुद की गर्दन बचाते हुए दूसरों पर ही ठीकरा फोड़ दिया था, जबकि खरीदारी से लेकर भुगतान तक में अधिकारियों की भी भूमिका अहम रही थी। 

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वैसे तो बजट में 23 करोड़ से पुर्जे खरीदने और वाहनों की मरम्मत करने का प्रावधान किया गया था लेकिन, बाद में उसे घटाकर 16 करोड़ कर दिया गया था। अप्रैल में ही आठ करोड़ से अधिक रकम पुर्जे खरीदने और वाहनों की मरम्मत में खर्च कर दी गई थी। जून में यह रकम 15 करोड़ से अधिक हो गई थी। इसर्मं पुर्जे और बैटरी के साथ ही टायर तक खरीदे जाते हैं।

वाहन इतनी जल्दी कैसे खराब हो रहे

वैसे तो नगर निगम के पास नए वाहनों का बेड़ा है लेकिन फिर भी उसकी मरम्मत व पुर्जे की खरीद में बजट को पानी की तरह बहाया जा रहा है। अगर बजट पर नजर डालें तो वर्ष 2020-21 में वाहनों की मरम्मत व पुर्जों की खरीद में एक अप्रैल से 31 दिसंबर तक आठ करोड़ खर्च किए गए थे। इसी तरह 2019-20 में 14.20 करोड़, 2018-19 में 17.24 करोड़ और 2017-18 में 9.66 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।

कामकाज पर प्रभाव पड़ेगा

नगर निगम के पास करीब एक हजार वाहन हैं, जिसमें से 600 से अधिक वाहन कूड़ा उठाने से लेकर नालों की सफाई व अन्य कार्य में उपयोग होते हैं। चालकों का भी कहना है कि एक तरफ नगर निगम वाहनों की मरम्मत व पुर्जों की खरीद में इतना खर्च दिखा रहा है तो दूसरी ओर पुराने वाहनों की दशा किसी से छिपी नहीं है। ऐसे में अगर आगे वाहनों में खराबी आई तो उसकी मरम्मत व पुुर्जों की खरीद न होने से कूड़ा उठाने से लेकर नाला सफाई में परेशानी होगी।

'कोविड शवों के अंतिम संस्कार में आई लकडिय़ों पर 1.80 करोड़ खर्च किए गए। इसी तरह एक हजार वाहनों की मरम्मत भी खर्च हुए। गोमती की सफाई और पुराने दायित्वों का भुगतान भी किया गया। इस कारण बजट खर्च हो गया। इसमे कोई अनियमितता जैसा नहीं है।       -अमित कुमार, अपर नगर आयुक्त और आरआर का प्रभार 


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