छलका मुलायम का दर्द भावुक होकर बोले, शायद मरने के बाद हो मेरा सम्मान
समाजवादी चिंतक भगवती सिंह के 86वें जन्मदिन समारोह में शनिवार को मुलायम ने बात आगे बढ़ाई-लोहिया के साथ भी ऐसा ही हुआ था। वह कहा भी करते थे कि जिंदा रहते कोई सम्मान नहीं करता है।
लखनऊ (जेएनएन)। अपनी ही बनाई पार्टी में हाशिये पर चले गए बुजुर्ग समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव शनिवार को भावुक हो गए। पार्टी में अपनी उपेक्षा का दर्द जुबां पर छलक आया। उन्होंने कहा-'आज मेरा कोई सम्मान नहीं करता लेकिन, शायद मेरे मरने के बाद लोग ऐसा करें।
समाजवादी चिंतक भगवती सिंह के 86वें जन्मदिन समारोह में शनिवार को मुलायम ने बात आगे बढ़ाई-'लोहिया के साथ भी ऐसा ही हुआ था। वह कहा भी करते थे कि जिंदा रहते कोई सम्मान नहीं करता है। भगवती सिंह को जन्मदिन की बधाई देते हुए मुलायम ने अतीत के दिनों को भी याद किया और कहा कि भगवती सिंह जी की समाजवादी पार्टी के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
उन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया। डा. लोहिया, चन्द्रशेखरजी, राजनारायण, मधु लिमये जैसे बड़े नेताओं के साथ समाजवादी विचारधारा को बढ़ाने में भगवती सिंह और मैैंने मिलकर काम किया। समाजवादी पार्टी के गठन में इनकी बड़ी भूमिका रही है। इन्होंने संगठन को मजबूत बनाने का प्रयास किया।
बता दें कि भाजपा से राजनीतिक विरोध के बावजूद समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह पिछले दिनों राजधानी में हुए अटलजी के अस्थि विसर्जन कार्यक्रम में भी शामिल हुए थे और उनसे अपने संबंधों को साझा किया था। पार्टी में खुद को किनारे किए जाने का दर्द उन्हें सालता है और इसे वह समय-समय पर जाहिर भी करते रहे हैैं।
पिछले साल पार्टी नेतृत्व को लेकर हुए विवाद के बीच भी उन्होंने कहा था कि पिता होने के नाते उनका आशीर्वाद बेटे अखिलेश के साथ है लेकिन, वह उनके फैसलों से सहमत नहीं हैं। उस दौरान तो वह यहां तक बोल गये थे कि जो बात का पक्का नहीं, वादा निभाने वाला नहीं, वह जीवन में कभी कामयाब नहीं होगा। बाप को धोखा दिया है।
गांधी भवन प्रेक्षागृह, कैसरबाग में हुए इस कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ समाजवादी नेता सहदेव सिंह गौतम ने की। संचालन देवी बख्श सिंह चौहान ने किया। इससे पहले सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने भी भगवती सिंह के घर पर जाकर जन्मदिन की बधाई दी। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुभकामना पत्र के माध्यम से बधाई दी। इस अवसर पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय, डा मधु गुप्ता, रविदास मेहरोत्रा, शारदाप्रताप शुक्ला, गोमती यादव आदि उपस्थित रहे।