लखनऊ : घरों से निकले तार, गलत लगे पोल से खतरा बरकरार; बिजली विभाग को सिर्फ दुर्घटना का इंतजार
लखनऊ के विनम्र खंड दो में दर्जनों घरों के छज्जों से गुजरे हैं तार। गोमती नगर जनकल्याण समिति ने अभियंताओं को भेजा पत्र। विनम्र खंड में जो बिजली के पोल लगे हैं वह भी गलत तरीके से लगे हैं।
लखनऊ, जेएनएन। बिजली विभाग किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहा है। गोमती नगर का विनम्र खंड-दो के दर्जनों मकान इसका उदाहरण है। यहां बिजली के तार घरों के छज्जों से निकले हैं। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने प्लाट काटे और फिर एलडीए की विद्युत शाखा से पूरी लाइन विकसित करके बिजली महकमे को सौंप दी। बिजली महकमे और एलडीए की ढिलाई और अनदेखी के कारण जब आवंटियों ने मकान बनवाए तो बिजली के तार छज्जों के भीतर आ गए।
इससे पहले कई आवंटियों ने इन तारों को एक से तीन फीट आगे करने को लेकर बिजली विभाग से आग्रह किया तो काबिल अभियंताओं ने इस पर आने वाले खर्च को उठाने की सलाह दे डाली। यह खर्च कोई हजारों में नहीं था, लाखों में लाइन शिफ्ट करने की बात देखकर आवंटी भी पीछे हट गए। अब यहां पूरी आबादी बसी है, आए दिन तार आपस में तीनों फेस के टकराते हैं। इससे कभी भी कोई हादसा हो सकता है।
गोमती नगर जनकल्याण महासमिति के महासचिव राघवेंद्र शुक्ला कहते हैं कि विनम्र खंड 2/115 से लेकर 2/122 और उसके आगे की लाइन में यह मौत का करंट देखा जा सकता है। स्थानीय समिति ने इसकी शिकायत जनकल्याण महासमिति से की थी। स्थानीय स्तर पर अवर अभियंता, एसडीओ व अधिशासी अभियंता तक शिकायत हो चुकी है। वहीं मुख्य अभियंता का तर्क है कि इसे चरणबद्ध तरीके से हटवाया जाएगा।
बिजली के पोल भी गलत तरीके से लगे
विनम्र खंड में जो बिजली के पोल लगे हैं, वह भी गलत तरीके से लगे हैं। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि बिजली विभाग को यहां के तीन फेस की जगह एरियर बंडल केबल एबीसी लगानी चाहिए। इससे छज्जों से निकले तारों का जो खतरा है, वह नब्बे फीसद कम हो जाएगा। तेज हवा व आंधी में यह तार आपस में टकराते हैं, इससे चिंगारियां भी निकलती है।