लखनऊ में 30 गुना तेज चलते मिले स्मार्ट मीटर, सलभर रिपोर्ट दबाए रहे अफसर; अब कार्रवाई का आदेश
राजधानी लखनऊ में स्मार्ट मीटर 30 गुना तेज चलते पाए गए लेकिन इसकी जांच रिपोर्ट को दबाए रखा गया। सालभर बाद पूरे प्रकरण का खुलासा होने पर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने गंभीर रुख अपनाते हुए उच्च स्तरीय जांच कराने का फैसला किया है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। बिजली की खपत मापने के लिए स्मार्ट मीटर की रीडिंग ही जंप नहीं करती बल्कि वह कई गुना तेज भी चलते मिले हैं। राजधानी लखनऊ में स्मार्ट मीटर 30 गुना तेज चलते पाए गए, लेकिन इसकी जांच रिपोर्ट को दबाए रखा गया। सालभर बाद पूरे प्रकरण का खुलासा होने पर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने गंभीर रुख अपनाते हुए उच्च स्तरीय जांच कराने का फैसला किया है। अपर मुख्य सचिव ऊर्जा व पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष को पूरे मामले की 15 दिन में जांच करा दोषी अफसरों व कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
वैसे तो स्मार्ट मीटर के तेज चलने की आए दिन उपभोक्ता शिकायत करते रहते हैं लेकिन अब तक ऐसी कोई जांच रिपोर्ट सामने नहीं आई कि स्मार्ट मीटर तेज चलता पाया गया हो। वर्ष 2018 में जब राजधानी के ठाकुरगंज, अपट्रान सहित कुछ क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर लगने शुरू हुए थे तब मीटर तेज चलने की शिकायत पर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने मीटरों की जांच कराने का मामला नियामक आयोग में उठाया था। उस पर पिछले वर्ष मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने लेसा को कुछ उपभोक्ताओ के स्मार्ट मीटर के साथ चेक मीटर लगाकर यह देखने के लिए कहा कि कहीं पुराने मीटर की अपेक्षा स्मार्ट मीटर तेज तो नहीं चल रहे।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि तब स्मार्ट मीटर 30 गुने तक तेज चलते पाए गए लेकिन उच्चाधिकारियों ने रिपोर्ट को रफादफा कर उपभोक्ताओं के मीटर ही बदल दिए। वर्मा ने मीटर तेज चलने की एक वर्ष बाद रिपोर्ट हाथ लगते ही सोमवार को ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से शक्तिभवन मुख्यालय में मुलाकात की। तथ्यों के साथ मंत्री को रिपोर्ट सौंपते हुए परिषद अध्यक्ष ने प्रकरण की जांच करा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष अरविंद कुमार को पत्र लिख उपभोक्ता हित में पूरे मामले की जांच, उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर कराने के निर्देश दिए हैं। मंत्री ने माना कि उपभोक्ताओं के यहां चेक मीटर लगाने के बाद कई गुना बढ़ी हुई यूनिट पकड़ में आने के बावजूद पूरे मामले को उच्च स्तर पर न भेजना और प्रकरण को दबाए रखना अत्यंत खेद जनक व अक्षम्य है। ऐसे में मंत्री ने जांच में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों व स्मार्ट मीटर कंपनी के खिलाफ 15 दिन में कठोर कार्रवाई कर रिपोर्ट भी तलब की है।
स्मार्ट मीटर की यूं बढ़ी रीडिंग : लेसा ने जब ठाकुरगंज के तीन उपभोक्ताओं के घर पर स्मार्ट मीटर के साथ चेक मीटर लगाया तो स्मार्ट मीटर कई गुना तेज चलते पाए गए। पहली बार 24 दिन के लिए चेक मीटर लगाने पर उपभोक्ता हसींन खां के स्मार्ट मीटर में 550 रीडिंग आयी, जबकि चेक मीटर में 67 यानी 483 यूनिट अधिक। इसी तरह दूसरे उपभोक्ता तारावती के स्मार्ट मीटर की 868 रीडिंग मिली लेकिन चेक मीटर में 29 यानी 839 यूनिट अधिक। तीसरे उपभोक्ता लाल बहादुर सिंह के स्मार्ट मीटर में 877 रीडिंग आयी और चेक मीटर में 59 यानी 818 यूनिट अधिक। दोबारा इन्हीं घरों में फिर चेक मीटर 4-5 दिन के लिए लगाए गए जिस पर उपभोक्ता हसीन खा के यहां 224 यूनिट, तारावती के यहां 419 यूनिट और लाल बहादुर के यहां 146 यूनिट फिर अधिक निकली। परिषद अध्यक्ष के मुताबिक इन स्मार्ट मीटर का भार भी जंप हुआ था।