यूपी में प्रबंधन से खफा बिजली अभियंता आज से तेज करेंगे आंदोलन, ऊर्जा मंत्री से टकराव टालने की अपील
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्रबंधन व बिजली अभियंताओं की रार सुलझने का नाम नहीं ले रही। एक घंटे कार्य बहिष्कार से भी प्रबंधन की अनसुनी जारी रही। अब बिजली अभियंता आंदोलन को तेज कर रहे हैं। शीर्ष प्रबंधन की संवादहीनता च हठवादी रवैये से अभियंता आक्रोशित हैं।
लखनऊ, [राज्य ब्यूरो]। पावर कारपोरेशन प्रबंधन व बिजली अभियंताओं की रार सुलझने का नाम नहीं ले रही। एक घंटे कार्य बहिष्कार से भी प्रबंधन की अनसुनी जारी रही। अब बिजली अभियंता आंदोलन को तेज कर रहे हैं। सोमवार से अपराह्न तीन से पांच बजे तक दो घंटे का कार्य बहिष्कार कर विरोध प्रदर्शन करेंगे। सभी मुख्यालयों पर सभाएं भी होंगी। अभियंता संघ के महासचिव प्रभात सिंह व अध्यक्ष वीपी सिंह ने आरोप लगाया कि ऊर्जा निगमों में अभियंताओं को पदोन्नति से वंचित किये जाने के लिए नियमों में बदलाव कर दिये गये हैं, जिन्हें अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया है। एक साल से लंबित समस्याओं का प्रबंधन कोई ठोस निराकरण नहीं कर रहा है। शीर्ष प्रबंधन की संवादहीनता च हठवादी रवैये से अभियंता आक्रोशित हैं। बयान में कहा कि कारपोरेशन प्रबंधन को हर स्तर के स्वीकृत पद व कार्यरत पदों का विवरण सार्वजनिक करना चाहिए। उन्होंने बताया कि समस्याओं का सार्थक समाधान न होने के कारण सोमवार से दो घंटे का कार्य बहिष्कार कर विरोध सभाएं की जाएंगी। संघ ने समस्याओं के निराकरण के लिए ऊर्जा मंत्री व मुख्यमंत्री से प्रभावी हस्तक्षेप करने की अपील की है।
आंदोलन खत्म करके वार्ता करके निकालें हल : देवराज
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन अध्यक्ष एम. देवराज ने आंदोलनरत अभियंताओं व अन्य कार्मिकों/संगठनों से अपील की है कि वे प्रदेश, विद्युत उपभोक्ता व विभाग के हित में आंदोलन समाप्त करके वार्ता के माध्यम से सभी समस्याओं का हल निकालने का प्रयास करें। उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी आदि कारणों से कारपोरेशन की वित्तीय स्थिति प्रभावित है। देशव्यापी कोयले की समस्या नई चुनौती बनकर खड़ी हो गई है। इस समय प्रमुख त्योहारों का सीजन भी है। उन्होंने बताया कि कारपोरेशन का घाटा 90,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। ऐसी विषम आर्थिक परिस्थिति में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन कार्मिकों का वेतन बढ़ाकर अतिरिक्त आर्थिक बोझ को सहने की स्थिति में नहीं है। आंदोलन से पावर कारपोरेशन की वित्तीय स्थिति व विद्युत आपूर्ति दोनों प्रभावित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी का दायित्व है कि कड़ी मेहनत, ईमानदारी और लगन से कारपोरेशन की वित्तीय स्थिति सुधारने व विद्युत आपूर्ति सुचारू रखने में अपना योगदान दें। प्रबंधन हमेशा कार्मिकों के हित के साथ खड़ा है और वार्ता के माध्यम से न्यायोचित समाधान के पक्ष में है।