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बदले मौसम से यूपी में बिजली की मांग घटी, गांव और कस्बों में तय शेड्यूल से ज्यादा हो रही आपूर्ति

बदले मौसम ने उत्तर प्रदेश में बिजली की मांग घटा दी है। मांग घटने और उपलब्धता बढ़ने से प्रदेशवासियों को तय शेड्यूल से कहीं ज्यादा बिजली की आपूर्ति अब हो रही है। गांवों कस्बों और बुंदेलखंड को तय अवधि से भी दो घंटे से अधिक बिजली दी जा रही है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 06:30 AM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 06:30 AM (IST)
बदले मौसम से यूपी में बिजली की मांग घटी, गांव और कस्बों में तय शेड्यूल से ज्यादा हो रही आपूर्ति
बदले मौसम ने उत्तर प्रदेश में बिजली की मांग घटा दी है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। बदले मौसम ने उत्तर प्रदेश में बिजली की मांग घटा दी है। मांग घटने और उपलब्धता बढ़ने से प्रदेशवासियों को तय शेड्यूल से कहीं ज्यादा बिजली की आपूर्ति अब हो रही है। गांवों, कस्बों और बुंदेलखंड को तय अवधि से भी दो घंटे से अधिक बिजली दी जा रही है। हालांकि, स्थानीय दोष के चलते कई क्षेत्रों में लोगों को घंटों बिजली कटौती से जूझना भी पड़ रहा है। इस बीच विद्युत नियामक आयोग ने भी राहत देने वाला एक अहम फैसला किया है। आयोग के फैसले से बिजली कंपनियों को मंगलवार से 340 मेगावाट जल विद्युत मिलने का रास्ता साफ हो गया है।

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दरअसल, उमसभरी गर्मी के चलते पिछले दिनों बिजली की मांग जहां 20 हजार मेगावाट से ऊपर पहुंच रही थी वहीं कोयले की कमी के चलते बिजली की उपलब्धता 16 हजार मेगावाट के आसपास ही रह गई थी। ऐसे में गांव से लेकर कस्बों तक में शेड्यूल से भी छह घंटे तक कम ही बिजली मिलने पर बिजली कंपनियों को बिजली आपूर्ति पटरी पर लाने के लिए एनर्जी एक्सचेंज की महंगी बिजली का सहारा लेना पड़ा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 22 रुपये यूनिट तक की बिजली खरीद कर शेड्यूल के अनुसार आपूर्ति की गई। दो दिन से प्रदेश के अलग-अलग हिस्से में बारिश होने के कारण बिजली की मांग एकदम से घट गई है। सोमवार सुबह बिजली की मांग 12,179 मेगावाट ही रह गई। दिन में भी 15 हजार मेगावाट से कम ही मांग रहने पर कई यूनिटों को न्यूनतम क्षमता पर ही चलाया गया। उत्पादन निगम की हरदुआगंज व पारीछा सहित निजी क्षेत्र की कुछ तापीय बिजली उत्पादन यूनिटों को बंद रखा गया।

दूसरी तरफ नियामक आयोग ने सोमवार को बिजली कंपनियां द्वारा बिडिंग रूट से औसतन 5.57 रुपये प्रति यूनिट की दर से 340 मेगावाट जल विद्युत खरीदने संबंधी अनुबंध पर फैसला सुनाया गया। अनुबंध के तहत 25 वर्षों तक बिजली कंपनियों को सिक्किम की तीस्ता व स्टेटक्रास्ट से प्रतिवर्ष मई से लेकर अक्टूबर तक शाम को पीक आवर्स में बिजली मिलती रहेगी। वैसे तो जीएमआर से 60 मेगावाट और बिजली लेने का भी अनुबंध था लेकिन कुछ कमियां रहने पर फिलहाल आयोग ने उस पर निर्णय नहीं किया है।

आयोग की हरी झंडी से अब कंपनियों को 31 अक्टूबर तक प्रतिदिन 12-13 मिलियन यूनिट बिजली मिलती रहेगी। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि बिजली संकट को देखते हुए परिषद काफी दिनों से अनुबंध को लागू करने की मांग कर रहे थे।


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