UPPCL : प्रबंधन के फैसले के विरोध में उतरेगा विद्युत मजदूर संगठन
UPPCL प्रबंधन से सहमति पर वापस ली थी कोर्ट से याचिका। वरिष्ठता को दरकिनार कर योग्यता के आधार पर फैसला मानने को तैयार नहीं। 26 नवंबर 2020 को प्रदेश के सभी जनपदों और परियोजनाओं में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन।
लखनऊ, जेएनएन। सत्रह सूत्रीय मांगों को लेकर विद्युत मज़दूर संगठन उप्र एवं विद्युत संविदा मज़दूर संगठन उप्र द्वारा संयुक्त रूप से 26 नवंबर 2020 को प्रदेश के सभी जनपदों और परियोजनाओं में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया जाएगा। संगठन के मीडिया प्रभारी विमल चन्द्र पांडे ने बताया कि अरुण कुमार की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई संयुक्त कार्यकारिणी बैठक में यह निर्णय किया गया है।
संगठन के संरक्षक आरएस राय ने कहा कि पूर्व प्रबंधन से बनी सहमति के पश्चात संगठन ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद में दाखिल की गई अपनी याचिका वापस ले ली थी और तकनीशियन को अवर अभियंता पद पर पदोन्नत किए जाने हेतु योग्यता और वरिष्ठता को आधार बनाकर वर्तमान नियमावली बनायी गयी थी। इसे बदल कर वर्तमान प्रबंधन द्वारा पदोन्नति के लिए परीक्षा लिए जाने की नियमावली बनाए जाने का एक तरफ़ा प्रस्ताव लाया गया है, जो स्वस्थ औद्योगिक परंपरा के विरुद्ध है।
मुख्य महामंत्री आलोक सिन्हा ने बताया कि 26 नवम्बर को हर ज़िले और परियोजना में ज्ञापन देकर विद्युत अधिनियम 2020 को वापस लिए जाने की मांग की जाएगी। वहीं संविदा कर्मियों को समकक्ष नियमित कर्मचारी के बराबर वेतन दिए जाने एवं पांच वर्षो से कार्यरत संविदा कर्मियों को रिक्त 35 हज़ार पदों पर समायोजित किए जाने की मांग दोहराई जाएगी। वहीं, वीडियो कांफ्रेंसिंग में आर एस राय, आलोक सिन्हा, श्रीचंद, जलीलुर्रहमान, अजय भट्टाचार्य ,आर वाई शुक्ला, पुनीत राय, शैलेंद्र शर्मा, मनीष श्रीवास्तव, अभिषेक सिंह, कन्हाई राम, बसंत लाल आदि प्रमुख पदाधिकारियों ने भाग लिया।