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उत्तर प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों ने पकड़ी रफ्तार, सितंबर माह के कर राजस्व में बढ़े 890 करोड़

उत्तर प्रदेश में कोरोना काल में ठप आर्थिक गतिविधियों के पटरी पर आने का जो सिलसिला अगस्त में शुरू हुआ था उसने सितंबर में और रफ्तार पकड़ी है। सितंबर में पिछले वर्ष के 8443.91 करोड़ रुपये की तुलना में अबकी 890.26 करोड़ रुपये ज्यादा कर राजस्व मिला है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 05 Oct 2020 07:48 PM (IST)Updated: Mon, 05 Oct 2020 07:48 PM (IST)
उत्तर प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों ने पकड़ी रफ्तार, सितंबर माह के कर राजस्व में बढ़े 890 करोड़
उत्तर प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों ने सितंबर में और रफ्तार पकड़ी है।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी और लॉकडाउन से ठप हुईं आर्थिक गतिविधियों के पटरी पर आने का जो सिलसिला अगस्त में शुरू हुआ था, उसने सितंबर में और रफ्तार पकड़ी है। नतीजा यह रहा कि सितंबर में पिछले वर्ष के 8443.91 करोड़ रुपये की तुलना में योगी सरकार को अबकी 890.26 करोड़ रुपये ज्यादा कर राजस्व मिला है। पिछले वर्ष की तुलना में 10.5 फीसद राजस्व बढ़ाने में परिवहन को छोड़कर अन्य सभी की भूमिका रही है। कर राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत होने के कारण इसमें सबसे ज्यादा हिस्सेदारी भी जीएसटी/वैट की रही है।

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उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष के सितंबर में जीएसटी/वैट से 6923.81 करोड़ रुपये हासिल करने का लक्ष्य था, जिसमें से जीएसटी से 3680.25 करोड़ रुपये और वैट से 1645.09 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है। खन्ना के मुताबिक शराब की बिक्री से मिलने वाले आबकारी राजस्व ने पिछले वर्ष की तुलना में सबसे लंबी छलांग लगाई है। सितंबर में 2140.61 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल हुआ जो कि पिछले वर्ष सितंबर में प्राप्त राजस्व से 329.66 करोड़ रुपये ज्यादा है। मंत्री के मुताबिक जीएसटी के मद में उप्र को सबसे बड़ा उपभोक्ता राज्य होने का लाभ मिल रहा है।

स्टांप व निबंधन में बढ़ा राजस्व तो वाहन कर में मामूली गिरावट : स्टांप व निबंधन फीस से सितंबर में 1428.88 करोड़ रुपये राजस्व मिला है जो कि मासिक लक्ष्य का 77.9 फीसद होने के साथ पिछले साल की तुलना में 258.05 करोड़ रुपये ज्यादा है। अलबत्ता परिवहन के मद में वाहन कर के जरिये मिलने में राजस्व में पिछले वर्ष की तुलना में 24.77 करोड़ रुपये की गिरावट आयी है। सितंबर में वाहन कर से 439.34 करोड़ रुपये राजस्व मिला जो मासिक लक्ष्य का 72.6 फीसद है। करेत्तर राजस्व के प्रमुख घटक भूतत्व एवं खनिकर्म से सितंबर में 182.33 करोड़ रुपये राजस्व मिला है जो पिछले साल की तुलना में 61.34 करोड़ रुपये ज्यादा है।

प्रमुख मद में कितना राजस्व (करोड़ रुपये)

मद सितंबर 2019 सितंबर 2020
जीएसटी 4998.02 5325.34
वैट 1538.12 1645.09
आबकारी शुल्क 1810.95 2140.61
स्टांप व निबंधन फीस 1170.83 1428.88
परिवहन  464.11  439.34
 भूतत्व एवं खनिकर्म 120.89 182.33
 कुल  8564.8  9516.5

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