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यूपी में ई-पाठशाला में पढ़ाई के साथ फालोअप पर भी जोर, अभिभावकों को फोन पर जानकारी देंगे शिक्षक

यूपी में ई-पाठशाला को प्रभावी तरीके से क्रियान्वित करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से वालेंटियर्स आनबोर्डिंग ड्राइव शुरू किया जा रहा है। एक शिक्षक के साथ एक या दो वालंटियर संबंध किया जाएगा। यह वालंटियर प्रेरणा साथी के नाम से जाने जाएंगे।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 11 Jun 2021 10:17 AM (IST)Updated: Fri, 11 Jun 2021 11:52 AM (IST)
यूपी में ई-पाठशाला में पढ़ाई के साथ फालोअप पर भी जोर, अभिभावकों को फोन पर जानकारी देंगे शिक्षक
यह वालंटियर स्कूली बच्चों के रिश्तेदार और पड़ोसी हो सकते हैं।

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना महामारी के कारण बंद चल रहे परिषदीय विद्यालयों के बच्चों की पढ़ाई के लिए मिशन प्रेरणा की ई-पाठशाला का चौथा चरण शुरू किया गया है। इसमें बच्चों की पढ़ाई के साथ उसके फालोअप पर जोर दिया गया है। ई-पाठशाला को प्रभावी तरीके से क्रियान्वित करने और ज्यादा से ज्यादा बच्चों की भागीदारी इसमें सुनिश्चित करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से वालेंटियर्स आनबोर्डिंग ड्राइव शुरू किया जा रहा है। यह वालंटियर प्रेरणा साथी के नाम से जाने जाएंगे। ई-पाठशाला के तहत मासिक पंचांग के अनुसार राज्य स्तर से कक्षावार और विषयवार शैक्षिक सामग्री प्रत्येक सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से शिक्षकों से साझा की जाएगी।

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इस सामग्री को शिक्षकों द्वारा अभिभावकों, प्रेरणा साथी और बच्चों के वाट्सएप ग्रुप पर साझा किया जाएगा। साझा की गई शैक्षिक सामग्री पर बच्चों को अभ्यास और हल करने के लिए शिक्षक निरंतर प्रोत्साहित करेंगे। प्रधानाध्यापक की ओर से विद्यालय के सभी शिक्षकों, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों के बीच बच्चों का कक्षावार और संख्यात्मक आवंटन किया जाएगा। प्रधानाध्यापक, शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को हर सप्ताह स्वयं को आवंटित हर बच्चे या उसके अभिभावक से कम से कम एक बार फोन काल करनी होगी और उसकी पढ़ाई की प्रगति के बारे में जानकारी देनी होगी।

सभी अभिभावकों/छात्रों को दीक्षा एप के साथ उनके स्मार्टफोन में प्रेरणा लक्ष्य एप और रीड अलांग एप अपलोड करने के लिए अनुरोध किया जाएगा। उन्हें रोजाना कम से कम 20 मिनट बुनियादी शिक्षा और गणितीय कौशल पर आधारित विषयवार अभ्यास कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। हर शनिवार को वाट्सएप पर साझा की जाने वाली शैक्षिक सामग्री पर आधारित प्रश्नोत्तरी (क्विज) में भाग लेने के लिए शिक्षक छात्रों को प्रोत्साहित करेंगे। सभी प्रधानाध्यापकों द्वारा विद्यालय समुदाय से कम से कम 10 प्रेरणा साथियों को चिन्हित किया जाएगा और उन्हें विद्यालय के वाट्सएप  ग्रुप से जोड़ा जाएगा।

एक शिक्षक के साथ एक या दो वालंटियर संबंध किया जाएगा। प्रेरणा साथी के रूप में निस्वार्थ सहायता देने के लिए तत्पर यह वालंटियर स्कूली बच्चों के रिश्तेदार, पड़ोसी या ऐसे शुभचि‍ंतक हो सकते हैं, जिनके पास अपना स्मार्टफोन और इंटरनेट उपलब्ध हो। प्रेरणा साथी राज्य स्तर से भेजी गई साप्ताहिक शैक्षिक सामग्री को अपने आसपास के मोहल्ले के बच्चों को वाट्सएप  के माध्यम से साझा करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि बच्चे उसका इस्तेमाल करें। 


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