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कोविड-19 मरीजों व उनके संपर्क में आए लोगों को दवा की महंगी डोज, डिमांड बढ़ने से सप्लाई भी प्रभावित

यूपी में कोरोना मरीजों को दवा की महंगी डोज लेनी पड़ रही है। क्योंकि मरीजों और उनके तीमारदारों को खिलाई जाने वाली आइवरमेक्टिन दवा बाजार में आसानी से नहीं मिल पा रही है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 01:51 AM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 06:01 AM (IST)
कोविड-19 मरीजों व उनके संपर्क में आए लोगों को दवा की महंगी डोज, डिमांड बढ़ने से सप्लाई भी प्रभावित
कोविड-19 मरीजों व उनके संपर्क में आए लोगों को दवा की महंगी डोज, डिमांड बढ़ने से सप्लाई भी प्रभावित

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण से मुकाबले के लिए मरीजों को दवा की महंगी डोज लेनी पड़ रही है। क्योंकि मरीजों और उनके तीमारदारों को खिलाई जाने वाली आइवरमेक्टिन दवा बाजार में आसानी से नहीं मिल पा रही है। मांग बढ़ने से आम लोगों को दवा की दुकानों में या तो इनकी महंगी कीमत चुकानी पड़ रही है या फिर उन्हें दवा मिल नहीं रही। वहीं, स्वास्थ्य विभाग की तरफ से नॉन कोविड सरकारी अस्पतालों में आइवरमेक्टिन भेजी ही नहीं है, जबकि कोरोना वायरस संक्रमितों और उनके संपर्क में आए लोगों के लिए विटामिन सी, विटामिन डी और जिंक की गोलियां खाने की सलाह दी गई है।

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उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में विटामिन सी की गोली एसकार्बिक एसिड- 500 एमजी की जगह सिर्फ 100 एमजी क्षमता वाली गोलियां भेजी गई हैं। वहीं इसे कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए दिन भर में तीन बार 500-500 एमजी की डोज लेने की सलाह दी गई है। वहीं, कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए आमजन को भी इम्युनिटी बढ़ाने के लिए कम डोज की दवा से ही संतोष करना पड़ रहा है।

केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट फेडरेशन उत्तर प्रदेश के संरक्षक गिरिराज रस्तोगी कहते हैं कि आइवरमेक्टिन के साथ-साथ विटामिन सी की गोली लिमसी व सेलिन, जिंक की जिनकोविट, बैक्टीरिया संक्रमण से बचाव के लिए खाई जाने वाली दवा डाक्सीलिन इत्यादि की मांग करीब तीन गुना बढ़ी है। वहीं, कोरोना महामारी के समय मास्क, पल्स ऑक्सीमीटर के साथ-साथ इन दवाओं की डिमांड में तीन गुना तक बढ़ोतरी होने से कंपनियां सप्लाई करने में ही हांफ रही हैं।

केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के महासचिव सुरेश गुप्ता कहते हैं कि इन विटामिन सी ,विटामिन डी व जिंक की कमी को दूर करने वाली दवाओं का मार्केट पहले 50 करोड़ का था और अब यह बढ़कर 150 करोड़ का हो गया है। मांग में बढ़ोतरी होने और सप्लाई धीमी होने का असर थोड़ा बहुत तो बाजार में पड़ेगा ही। उधर आम लोगों को दवा की दुकानों में या तो इनकी महंगी कीमत चुकानी पड़ रही है या फिर उन्हें दवा मिल नहीं रही।

आंवला, नींबू व गुड़ का करें सेवन : विशेषज्ञ कहते हैं कि विटामिन सी के लिए आंवले, नींबू, मुसम्मी आदि सेवन करें। वहीं जिंक के लिए गुड, तिल, मूंगफली और लहसुन आदि का सेवन कर सकते हैं। साथ ही हरी सब्जियां खाएं और काढ़ा पीने से इम्युनिटी बढ़ेगी, जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण और अन्य बीमारियों से बचाव हो सकेगा।

पूरी कोशिश कि कम न हो दवा : चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. डीएस नेगी कहते हैं कि अस्पतालों में दवाओं की कमी न हो इसकी पूरी कोशिश की जा रही है। प्रत्येक जिले को भी फंड दिया गया है, वह इससे जरूरत के अनुसार दवाएं खरीद सकते हैं। सभी अस्पतालों के स्टाक चेक किए जा रहे हैं। वहीं यूपी ड्रग कंट्रोलर एके जैन ने बताया कि सभी जिलों में ड्रग इंस्पेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे छापामार अभियान चलाकर जांच करें। ताकि कहीं भी दवाओं की जमाखोरी न हो सके। साथ ही कालाबाजारी करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।


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