बाराबंकी: रेलवे स्टेशन के निरीक्षण में DRM को मिली खामियां, लगाई फटकार
बाराबंकी जेएनएन। डीआरएम संजय त्रिपाठी ने मंगलवार को रेलवे स्टेशन का औचक निरीक्षण किया। उन्हें स्टेशन पर बेंच टूटी बदहाल यात्री प्रतीक्षालय शौचालय निरीक्षक रूम व भवन के देखरेख में तमाम खामियां मिलीं। इस पर टीआई सीएमआई व स्टेशन अधीक्षक को फटकार लगाई।
बाराबंकी, जेएनएन। निरीक्षण के दौरान वह सबसे पहले प्लेटफार्म नंबर दो पर पहुंचे। प्लेटफार्म पर बनी पानी टंकी व बेंच की हालत जर्जर और टोटियां खराब मिलीं। हैंडपंप भी खराब पाया गया। प्लेटफार्म नंबर एक पर कोरोना के प्रति जागरूकता के छोटे-छोटे पोस्टर टेप से चिपकाएं जाने पर नाराज हुए। स्टोर रूम देखा। इसके बाद टिकट काउंटर के रास्ते सीधे स्टेशन के बाहर निकले। यहां पर स्टेशन कक्ष के ऊपर पीपल का पेड़ उगा पाया गया, जिससे बिल्डिंग को क्षति पहुंची थी। देखरेख के अभाव में बिल्डिंग पर इतना बड़ा पेड़ उग आने पर पेड़ स्टेशन अधीक्षक पीयूष वर्मा को फटकार लगाई, कहा कि आज ही पेड़ हटाएं।
इसके बाद आश्रय स्थल देखा। यहां पर ताला बंद था, बोर्ड हटा था। अंदर की हालत बेहद खराब थी, जिस पर पूछा कब से यात्री यहां नहीं बैठे हैं। इस पर टीआई(यातायात निरीक्षक) एसके सिंह ने कहा कि लॉकडाउन के लागू होने से पहले तक बैठते थे। टीआई का जवाब सुन डीआरएम ने फटकार लगाते हुए कहा कि झूठ बोल रहे हो, इसकी हालत बता रही है कि यहां यात्री नहीं बैठते। उन्होंने यात्री प्रतीक्षालय के अंदर बिल्डिंग मैटीरियल रखने और ताला लगाने की अनुमति को लेकर स्टेशन अधीक्षक से पूछा। स्टेशन पर पोस्टर फटा व किराया बोर्ड 2014 से अपडेट नहीं मिला। इस पर सीएमआई(वाणिज्य निरीक्षक) तरुण कुमार शर्मा को फटकार लगाई, कहा कि स्टेशन का हाल बेहद खराब है। टीआई व सीएमआई दोनों झूठ बोलते हैं। निरीक्षक विश्राम गृह की हालत खराब भी खराब मिली। टूटे गद्दों पर सफेद चादर डाल कर ढका गया था। यहां पर शौचालयों में गंदगी मिली। यहां पर टीआई व सीएमआई से स्टेशन का निरीक्षण रजिस्टर तलब किया। इस पर निरीक्षण में विश्रामगृह, यात्री प्रतीक्षालय आदि का जिक्र ही नहीं मिला।
फिर सफाईकर्मी को बना दें सीएमआई : डीआरएम को दरियाबाद स्टेशन के निरीक्षण में खामियों को भरमार मिली, लेकिन स्टेशन पर गमले लगे होने पर वो संतुष्ट दिखे। एक बार फिर सीएमआई को फटकार लगाते हुए कहा कि सफाईकर्मी से सीखो, क्यों न आपकी जगह कल्लू को ही सीएमआई बना दिया जाए?