लखनऊ में अगले आदेश तक DRDO Covid अस्पताल बंद, अपने बेस में वापस लौटे सैन्य चिकित्सक
पिछले कई दिनों से कोविड संक्रमित रोगियों की संख्या में भारी कमी आने के बाद शहर के अन्य अस्पतालों की तरह इस अस्थायी अस्पताल में सन्नाटा होने लगा जबकि जिन अस्पतालों से यह डाक्टर मिलिट्री नर्सिंग सर्विस अधिकारी व पैरामेडिकल स्टाफ आया था वहां मरीजों की संख्या बढऩे लगी।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। कोरोना की दूसरी लहर थमने के बाद अवध शिल्प ग्राम स्थित डीआरडीओ के अस्थायी कोविड अस्पताल में सन्नाटा छा गया है। यहां पिछले कई दिनों से एक भी कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती नहीं हुआ हैं। ऐसे में इस अस्थायी कोविड अस्पताल को अगले आदेश तक बंद करने का निर्णय लिया गया है। अस्पताल में मौजूदा दो आइसीयू व दो जनरल वार्ड के साथ आक्सीजन प्लांट व पूरा सेटअप बरकरार रहेगा, जिसे संभावित तीसरी लहर में जरूरत पडऩे पर तीन दिन के भीतर दोबारा शुरू किया जा सके। इस बीच देश भर से आए सैन्य डाक्टर, मिलिट्री नर्सिंग सर्विस अधिकारी व पैरामेडिकल स्टाफ अपने पूर्व के तैनाती स्थलों पर वापस जाने लगे हैं।
डीआरडीओ ने दिल्ली के बाद देश का दूसरा अस्थायी कोविड अस्पताल अवध शिल्प ग्राम में बनाया था। डीआरडीओ की टीम 17 अप्रैल को लखनऊ आई थी और 28 अप्रैल तक 155 वेंटीलेटर बेड वाला आइसीयू व 355 बेड का आक्सीजन आपूर्ति वाले दो जनरल वार्ड तैयार किए। इसमें तीन वार्ड स्थायी प्रदर्शनी हाल में, जबकि एक जनरल वार्ड जर्मन हैंगर में बनाया गया। यहां 20 हजार लीटर के दो लिक्विड आक्सीजन टैंक भी लगाए गए हैं। इस अस्पताल में 36 डाक्टरों, 80 मिलिट्री नर्सिंग सर्विस अधिकारियों और 150 पैरामेडिकल स्टाफ सहित 300 से अधिक लोगों की तैनाती की गई थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पांच मई को अस्पताल का लोकार्पण किया था। हालांकि पिछले कई दिनों से कोविड संक्रमित रोगियों की संख्या में भारी कमी आने के बाद शहर के अन्य अस्पतालों की तरह इस अस्थायी अस्पताल में सन्नाटा होने लगा, जबकि जिन अस्पतालों से यह डाक्टर, मिलिट्री नर्सिंग सर्विस अधिकारी व पैरामेडिकल स्टाफ आया था वहां नॉन कोविड मरीजों की संख्या बढऩे लगी। ऐसे में इनको अपने पुराने तैनाती स्थलों पर भेजने का आदेश हुआ। अस्पताल प्रशासन ने सीएमओ को पत्र लिखकर यहां नॉन कोविड मरीजों को भेजने को कहा था, लेकिन उस पर भी कोई निर्णय नहीं हुआ। सीएमओ की ओर से अस्थायी अस्पताल को अगले आदेश तक बंद करने के दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। सीएमओ ने बताया कि अस्पताल के मौजूदा स्वरूप को बरकरार रखा जाएगा। सभी मशीनें सुरक्षित रहेंगी। केवल यहां तैनात स्टाफ जा रहा है। भविष्य में जरूरत पडऩे पर अस्पताल दोबारा शुरू हो सकेगा।