Move to Jagran APP

लोहिया इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. एके त्रिपाठी हटे, डॉ. नुजहत बनीं कार्यवाहक निदेशक

लोहिया इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ एके त्रिपाठी से शासन खफा इंस्टीट्यूृट में ओएसडी की भी की तैनाती रखेंगे व्यवस्थाओं पर नजर।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 12:09 AM (IST)Updated: Thu, 25 Jun 2020 07:02 AM (IST)
लोहिया इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. एके त्रिपाठी हटे, डॉ. नुजहत बनीं कार्यवाहक निदेशक
लोहिया इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. एके त्रिपाठी हटे, डॉ. नुजहत बनीं कार्यवाहक निदेशक

लखनऊ, जेएनएन। लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में अव्यवस्थाओं पर शासन खफा हो गया। ऐसे में वर्तमान निदेशक डॉ. एके त्रिपाठी को कार्य से वरित कर कार्यवाहक निदेशक डॉ. नुजहत हुसैन को बनाया गया है। वहीं चिकित्सकीय सेवाओं की निगरानी के लिए एक ओएसडी भी तैनात रहेगा। देर शाम संस्थान में पहुंचे आदेश से हड़कंप मच गया।

loksabha election banner

लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में बदहाल इमरजेंसी सेवाओं की शिकायत मुख्यमंत्री तक पहुंची। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अचानक इमरजेंसी का निरीक्षण किया। अस्त-व्यस्त व्यवस्था मिलने पर अफसरों को व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए। मगर, लापरवाही जारी रही। इसी बीच एक मरीज की कोविड टेस्ट के लिए घंटों शव रखा रहा। परिवारजन भटकते रहे। ऐसे में शासन ने जांच के आदेश दे दिए। चिकित्सा शिक्षा विभाग के विशेष सचिव मार्कंडेय शाही के नेतृत्व में जांच कमेटी बैठाई गई। तीन सदस्यीय कमेटी ने इमरजेंसी का निरीक्षण कर शासन को रिपोर्ट सौंपी। वहीं बुधवार देर शाम डॉ. एके त्रिपाठी को कार्य से विरक्त कर डॉ. नुजहत हुसैन का कार्यभार सौंपने का आदेश जारी कर दिया गया है। डॉ. नुजहत हुसैन ने कहा कि शाम को शासन से कार्यवाहक निदेशक का आदेश प्राप्त हो गया है।

अस्पताल के विलय के बाद नहीं संभाल सके व्यवस्था

डॉ. नुजहत हुसैन पूर्व में भी कार्यवाहक निदेशक रहीं। उन्होंने वर्ष 2013-15 तक काम संभाला। इसके बाद डॉ. दीपक मालवीय ने 17 सितंबर 2015 से कार्यभार ग्रहण किया। उन्हाेंने साढ़े तीन सौ बेड के अस्पताल को एक हजार के पास पहुंचाया। एमबीबीएस पाठ्यक्रम, किडनी ट्रांसप्लांट शुरू कर संस्थान को नई उपलब्धियां दिलाईं। वहीं लोहिया अस्पताल विलय, न्यू कैंपस, संस्थान के यूनीवर्सिटी का दर्जा देने का खाका तैयार कर शासन के समक्ष रखा। कई नए विभाग शुरू किए। शहर में पीजीआइ के विकल्प के ताैर पर लोहिया संस्थान उभरा। वहीं डॉ. मालवीय का कार्यकाल समाप्त होने पर मार्च 2019 में प्रो. एके त्रिपाठी को निदेशक बनाया गया। इसी दरम्यान शासन ने लोहिया अस्पताल के विलय का फैसला कर िदया। यहां चलता हुआ अस्पताल बेपटरी हो गया। आए दिन लापरवाही से शासन खफा हो गया।

सांसद ने लगाए तथ्य छिपाने के आरोप

सांसद ई. प्रवीण कुमार ने 10 जून को राज्यपाल, मुख्यमंत्री व चिकित्सा शिक्षा मंत्री से डॉ. एके त्रिपाठी से शिकायत की। इसमें तथ्य छिपाकर लोहिया संस्थान के निदेशक पद को प्राप्त करने का आरोप लगाया है। वहीं डॉ. एके त्रिपाठी से कई बार फोन पर बात करने का प्रयास किया गया। मगर, रिसीव नहीं किया। उधर चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने संस्थान के व्यवस्थाओं पर नजर रखने के लिए एक ओएसडी की भी तैनाती कर दी है। यहां ओएसडी अनिल बाजपेयी भी बैठेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.