आगरा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अशोक कुमार मित्तल हटाए गए, आरोपों की जांच के लिए कमेटी गठित
डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के कुलपति प्रो. अशोक कुमार मित्तल को हटा दिया गया है। उनके विरुद्ध कई गंभीर शिकायतों की जांच के लिए कमेटी गठित की गई है। उनके स्थान पर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय को आगरा विश्वविद्यालय का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के कुलपति प्रो. अशोक कुमार मित्तल को हटा दिया है। उनके विरुद्ध कई गंभीर शिकायतें मिली थीं। जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यों की कमेटी गठित की गई है। उनके स्थान पर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय को आगरा विश्वविद्यालय का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता ने बताया कि डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के कुलपति प्रो. अशोक मित्तल के विरुद्ध राजभवन को भ्रष्टाचार, प्रशासनिक व वित्तीय अनियमितताओं सहित अन्य गंभीर शिकायतें प्राप्त हुईं थी। इसके साथ ही 31 मई से दो जुलाई तक कुलाधिपति की अध्यक्षता में राज्य विश्वविद्यालयों की समीक्षा हुई। दो जून को राजभवन में आयोजित आगरा विश्वविद्यालय की समीक्षा बैठक में भी पाया गया कि कुलपति ने राजभवन से संदर्भित बिंदुओं पर कोई भी तैयारी नहीं की है और वह संबंधित बिंदुओं का संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके।
नियम विरुद्ध नियुक्तियां करना, आडिट आपत्तियों का अनुपालन पूर्ण न करना, उच्च न्यायालय व अन्य लंबित प्रकरणों पर विश्वविद्यालय की ओर से आवश्यक कार्यवाही न किया जाना, छात्रों को नियमित रूप से उनकी डिग्री न प्रदान करना, कर्मचारियों को अनावश्यक ओवरटाइम भत्ता दिया जाना, नियुक्तियों के संबंध में आवश्यक रोस्टर न तैयार किया जाना आदि कुलपति पद के दायित्व निर्वहन में गंभीर शिथिलता दर्शाता है।
कुलपति के विरुद्ध मिली गंभीर शिकायतों की जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति रंजना पंडया की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया है। जांच समिति में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक, सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु, सिद्धार्थनगर के पूर्व कुलपति प्रो. सुरेंद्र दुबे को सदस्य बनाया गया है। समिति एक माह में कुलाधिपति को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी।