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केजीएमयू में हाजिरी लगाकर गायब हो जाते हैं डॉक्टर

लखनऊ (जागरण संवाददाता)। केजीएमयू में बायोमीट्रिक अटेंडेंस सिस्टम का भी डॉक्टरों ने तोड़ निकाल लिया ह

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jun 2018 12:30 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jun 2018 12:30 PM (IST)
केजीएमयू में हाजिरी लगाकर गायब हो जाते हैं डॉक्टर
केजीएमयू में हाजिरी लगाकर गायब हो जाते हैं डॉक्टर

लखनऊ (जागरण संवाददाता)। केजीएमयू में बायोमीट्रिक अटेंडेंस सिस्टम का भी डॉक्टरों ने तोड़ निकाल लिया है। प्रशासनिक हीलाहवाली के चलते वह ड्यूटी के प्रति पाबंद नहीं हैं। स्थिति यह है कि मशीन में अंगूठा लगाकर वह गायब हो जाते हैं। ऐसे में अब फिर से उपस्थिति पंजिका बनाने के निर्देश दिए गए हैं।

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केजीएमयू में 556 के करीब वरिष्ठ चिकित्सक हैं। वहीं 750 जूनियर डॉक्टर हैं, जबकि तीन हजार के करीब कर्मचारी हैं। सभी के लिए बायोमीट्रिक अटेंडेंस सिस्टम है। हर विभाग में मशीनें लगा दी गई हैं, मगर ड्यूटी के प्रति लापरवाह डॉक्टर व अन्य स्टाफ ने मशीन का भी तोड़ निकाल लिया। वह संस्थान में आकर मशीन में अंगुली-अंगूठा टच कर चले जाते हैं। इसके चलते संस्थान में अव्यवस्थाएं हावी हो रही हैं। वहीं पेशेंट केयर से जुड़ी सेवाएं भी बेपटरी हो रही हैं।

पैथोलॉजी विभागाध्यक्ष ने लिखा खत

पैथोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. आशुतोष कुमार ने 13 जून को पत्र जारी किया। इसमें साफ जिक्र किया गया है कि कुछ अधिकारी, रेजीडेंट, कर्मचारी, संविदा कर्मचारी बायोमीट्रिक अटेंडेंस लगाकर गायब हो जाते हैं। ऐसे में विभाग में उपस्थिति पंजिका बनाकर हाजिरी का प्रतिदिन मिलान किया जाए। वहीं माह के अंत में विभागाध्यक्ष से हस्ताक्षर करवाए जाएं। पहले वीसी अचानक तलब करते थे रजिस्टर

पूर्व कुलपति डॉ. रविकांत ने केजीएमयू के डॉक्टरों को समय पर विभाग व ओपीडी आने के लिए सख्त निर्देश जारी किए थे। इस दौरान वह हर दिन किसी न किसी विभाग से सुबह उपस्थिति पंजिका तलब कर लेते थे। इसके लिए वीसी कार्यालय से दो कर्मचारी वाहन पर निकलते थे और विभाग से रजिस्टर उठाकर कुलपति के पास जमा कर देते थे। ऐसे में कुलपति डॉ. रविकांत समय पर न आने वाले कई डॉक्टरों की अनुपस्थित लगाकर नोटिस जारी की। इसके बाद सीनियर डॉक्टरों को शर्मसार होना पड़ा और उन्होंने समय पर संस्थान आना शुरू कर दिया। हालांकि अब केजीएमयू में प्रशासनिक अमला बदलते ही विभागों से रजिस्टर तलब करने का सिस्टम बंद हो गया। इसके बाद डॉक्टर फिर पुराने रवैया पर आ गए। इसीलिए सेवाएं हैं बेपटरी

दरअसल केजीएमयू प्रशासन डॉक्टरों पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है। ट्रामा में जहां सीनियर डॉक्टर इमरजेंसी ड्यूटी नहीं कर रहे हैं। वहीं कई ओपीडी में भी मरीजों को देखने में आनाकानी करते हैं। वह जूनियर के हवाले ओपीडी छोड़कर चले जाते हैं। ऐसे में संस्थान में पेशेंट केयर सिस्टम चरमरा रहा है। पैथोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. आशुतोष कुमार ने बताया कि बायोमीट्रिक अटेंडेंस लगाकर स्टाफ के गायब होने का मामला संज्ञान में आया था। ऐसे में केजीएमयू प्रशासन द्वारा सभी विभागों में उपस्थिति पंजिका बनाने के निर्देश दिए गए हैं। लिहाजा, मैंने भी पत्र जारी कर दिया। केजीएमयू के सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार ने बताया कि अभी ओपीडी से उपस्थिति पंजिका तलब की जा रही है। विभागों की उपस्थिति पंजिका के बारे में मुझे जानकारी नहीं है।


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