शिशु को कटोरी और चम्मच से पिलाएं दूध, नहीं होगा इंफेक्शन
बाल रोग विभाग की प्रोफेसर डॉ.शैली अवस्थी ने बच्चों को होने वाली परेशानियों से निजात दिलाने के लिए टिप्स दिए।
लखनऊ, जेएनएन। बदलते मौसम का असर बच्चों पर भी पड़ता है। कभी सर्दी-जुकाम की शिकायत हो जाती है तो कभी डायरिया। इसके अलावा पेट संबंधी अन्य समस्याओं से कैसे निपटा जाए इसकी जानकारी देने के लिए हैलो डॉक्टर कार्यक्रम में किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के बाल रोग विभाग की प्रोफेसर डॉ.शैली अवस्थी डॉ.अवस्थी ने पाठकों द्वारा पूछे गए सवालों के विस्तृत जवाब दिए।
सवाल व उनके जवाब
सवाल: पांच माह की बच्ची है। उसे गाय का दूध देते हैं, लेकिन एक माह से दिन में सात-आठ बार लैट्रीन हो रही है।
जवाब: हर बार बोतल को उबालने के बाद ही इस्तेमाल करें। संभव न हो तो चार-पांच बोतल रखें लेकिन, सबसे अच्छा यह होगा कि बच्चे को कटोरी-चम्मच से दूध पिलाएं। यही नहीं, दूध में पानी न मिलाएं। दरअसल बॉटल साफ न होने के कारण ही इंफेक्शन होता है। साथ ही दूध में पानी मिलाने से भी संक्रमण हो सकता है। दूध पिलाने से पहले हर बार साबुन से हाथ अवश्य धोएं।
सवाल: बच्चा चुप-चुप रहता है। किसी से बात नहीं करता। क्या करें?
जवाब : यदि बच्चा चुप रहता है और किसी से ज्यादा बात नहीं करता तो हो सकता है कि वह अवसाद में हो। यह जानने का प्रयास करें कि बच्चा कहीं किसी बात से परेशान तो नहीं। अक्सर घर का माहौल ठीक न होने के कारण या माता-पिता द्वारा 'यादा दबाव डालने के कारण भी ब'चे को उलझन हो सकती है। ब'चे पर ध्यान दें। जरूरत हो तो डॉक्टर से संपर्क करें।
सवाल: तीन माह की बिटिया है। दूध पिलाने के बाद पलट देती है। चार-पांच दिन बाद कड़ी लैट्रीन होती है। क्या करें?
जवाब : आप बच्चे को बकरी की बजाय गाय या भैंस का दूध दें। दूध में पानी न मिलाएं, संक्रमित हो सकता है। बच्चे को दूध पिलाने के बाद सीने से लगा कर डकार जरूर दिलाएं। पेट में गैस बनती है जिससे बच्चे दूध पलट देते हैं।
सवाल: बच्चे की पसली चल रही है और खांसी और बुखार है। क्या निमोनिया हो सकता है?
जवाब: यदि बच्चे को खांसी-बुखार है और पसली भी चल रही है तो निमोनिया की शिकायत हो सकती है। आप नजदीक के प्राथमिक चिकित्सालय या जिला अस्पताल में डॉक्टर को दिखा सकते हैं।
सवाल : 12 साल की ब'ची है। दमा की बीमारी है डॉक्टर ने इन्हेलर बताया है। मौसम बदलने पर दिक्कत बढ़ जाती है। क्या करना चाहिए?
जवाब: बच्चे को भीड़-भाड़ वाली जगह पर लेकर न जाएं। ठंड से बचाएं और खाने में दही, केला या ऐसी कोई चीज जिससे उसकी परेशानी बढ़ती हो न दें। इन्हेलर या दवाइयां जो उसको दी गई हैं, वह नियमित रूप से देते रहें।
सवाल : बच्चा 12 साल का है लेकिन, देखने में सात-आठ साल का ही लगता है। क्या करना चाहिए?
जवाब : लगता है बच्चे की ग्रोथ नहीं हो रही है। यदि बच्चा शुरू में ठीक था और जैसे-जैसे बड़ा हो रहा है समस्या हो रही है तो कुपोषित हो सकता है। खानपान पर ध्यान दें और एक बार डॉक्टर से उसका चेकअप करवाएं। इससे पता चल जाएगा कि समस्या कुपोषण की है या कोई बीमारी। कुपोषण के लिए फल, सब्जी, दूध, दलिया चना आदि दें।
सवाल: बच्चे को पूरे साल जुकाम बना रहता है। नाक बंद रहती है, मुंह से सांस लेता है। सांस लेने में आवाज आती है। नाक में दवा डालने से भी फायदा नहीं होता।
जवाब: आप बच्चे की जांच कराएं। अक्सर गले की ग्रंथि जैसे टॉन्सिल, एडिनॉयड ग्रंथि एलर्जी की वजह से बढ़ जाती है। ऐसे में बच्चे को नाक से सांस लेना मुश्किल होता है और वह मुंह से सांस लेने लगता है। अस्पताल में दिखा कर उसका पूरा चेकअप कराएं।
सवाल: डेढ़ साल का बच्चा है। उसका सिर गर्म रहता है। क्या करें?
जवाब: यदि बच्चा देखने में स्वस्थ है हाथ-पैर चलाता है, पेशाब करता है। तो चिंता की कोई बात नहीं। कहीं आप उसे बहुत ज्यादा कपड़े तो नहीं पहना देते जिससे उसका माथा गर्म हो जाता हो। थर्मामीटर से उसका बुखार नापें, यदि उसे बुखार है तो डॉक्टर से संपर्क करें। बच्चा यदि स्वस्थ है तो कोई चिंता की बात नहीं।
सवाल: दो साल की पोती है। उसे एक दिन छोड़ पॉटी होती है और बहुत सख्त होती है। क्या करना चाहिए?
जवाब: आप उसके खाने में बदलाव करें। दूध भले ही कम दें लेकिन सब्जी, आटे की रोटी, बेसन की रोटी, दलिया, केला, पपीता आदि दें। कब्ज दूर हो जाएगा।
सवाल: तेरह माह का बच्चा है। दिन में चार-पांच बार पॉटी हो रही है। क्या करें।
जवाब : आपके बच्चे को डायरिया की शिकायत है। उसे आप ओआरएस का घोल पिलाएं। ध्यान रहे जितनी बार भी पॉटी होती है उसे हर बार ओआरएस का घोल अवश्य दें। तीन-चार दिन में ठीक हो जाएगा। यदि फिर भी न ठीक हो तो डॉक्टर से संपर्क करें। याद रखें बदन में पानी की कमी न हो।
सवाल: बेटी 12 दिन की है। जब दूध पीती है तो उसके गले में गड़-गड़ की आवाज आती है क्या करें?
जवाब: बच्चे को मां का दूध पिलाते रहें। अगर बच्चा हाथ-पैर चला रहा है और स्वस्थ है तो परेशान न हों। आशा बहू को दिखाएं।
सवाल: मुझे खाना हजम नहीं होता। बार-बार लैट्रीन जाना पड़ता है।
जवाब: आप सफाई का अवश्य ध्यान रखें। भोजन हल्का लें। भोजन साफ सुथरा बना होना चाहिए। पानी भी शुद्ध पीयें। आपको इंफेक्शन की समस्या लगती है। यदि आराम न मिले तो डॉक्टर से सलाह लें।
कृपया यह न करें
- शिशु को बकरी का दूध न दें। इसमें फोलेट नहीं होता, जिससे शरीर में आयरन की कमी हो जाती है।
- बचों को केवल दूध न दें, साथ में फल, सब्जी, दही, दलिया, फलों का जूस अवश्य दें। केवल दूध देने से माइक्रो न्यूट्रीयंट्स जैसे फोलेट, बी 12 आदि की कमी हो जाती है जिससे एनीमिया हो जाता है।
- देखा गया है कि पांच वर्ष के बच्चे खाने में चूजी हो जाते हैं जिससे वह पसंद की चीजें ही खाना चाहते हैं। संतुलित आहार न मिलने से भी कुपोषण की आशंका रहती है।