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अयोध्‍या में जिला पंचायत के अभियंता गिरफ्तार, गोरखपुर की एंटी करप्शन कोर्ट में किया जाएगा पेश

गोरखपुर ले जाने से पहले जिला चिकित्सालय में अभियंता का मेडिकल परीक्षण कराया गया। कोतवाली नगर इंस्पेक्टर सुरेश पांडेय ने बताया केस में विवेचक सीओ अयोध्या आरके राय हैं। वही गोरखपुर की एंटी करप्शन कोर्ट में पेश करने ले जाएंगे।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 03 Sep 2021 03:13 PM (IST)Updated: Fri, 03 Sep 2021 03:13 PM (IST)
अयोध्‍या में जिला पंचायत के अभियंता गिरफ्तार, गोरखपुर की एंटी करप्शन कोर्ट में किया जाएगा पेश
अयोध्‍या मेें कोतवाली नगर में दर्ज भ्रष्टाचार की एफआइआर में नामजद।

अयोध्या, जागरण संवाददाता। जिला पंचायत के निलंबित अभियंता मनोज कुमार शर्मा को कोतवाली नगर पुलिस ने सुबह रोडवेज के पास से गिरफ्तार कर लिया। रुपया गिनते वीडियो वायरल के आधार पर शर्मा के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने का आदेश अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने दिया था। शासन के आदेश के बाद अपर मुख्य अधिकारी उमेशकुमार ने कार्य प्रभारी एसके दुबे को 24 अगस्त को रात में भेज लगभग 11 बजे एफआइआर दर्ज कराया था। दर्ज एफआइआर भ्रष्टाचार से संबंधित होने से अभियंता को भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट-गोरखपुर में पेश किया जाएगा। गोरखपुर ले जाने से पहले जिला चिकित्सालय में अभियंता का मेडिकल परीक्षण कराया गया।

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कोतवाली नगर इंस्पेक्टर सुरेश पांडेय ने बताया, केस में विवेचक सीओ अयोध्या अजय कुमार राय हैं। वही गोरखपुर की एंटी करप्शन कोर्ट में पेश करने ले जाएंगे। अभियंता की गिरफ्तारी में पुलिस की तेजी ने लोगों को चौंकाया है। एफआइआर के 11 वें दिन गिरफ्तारी को लेकर राजनीतिक दखल की चर्चा एक बार फिर दबी जुबान से होने लगी। वायरल वीडियो के आधार पर शासन ने संज्ञान लेकर अभियंता को निलंबित कर एफआइआर दर्ज कराने के लिए अपर मुख्य अधिकारी उमेश कुमार को निर्देशित किया था। शासन से जारी अभियंता के निलंबन आदेश में ही एफआइआर कराने का भी उल्लेख रहा। निलंबन के बाद अभियंता को लखनऊ मुख्यालय से संबंद्ध किया गया है। उस वक्त भी सत्तापक्ष के एक विधायक के प्रभाव की चर्चा शासन के आदेश के क्रम में जिला पंचायत में रही। अब अभियंता की गिरफ्तारी में पुलिस की तेजी को भी उसी से जोड़ा जा रहा है। जैसे ही जिला पंचायत में अभियंता की गिरफ्तारी की खबर आई, उसकी पुष्टि के प्रयास किए जाने लगे। जिला पंचायत में कोई भी बोलने को तैयार नहीं है, सभी सहमे हैं। अभियंता के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई में नामित जांच अधिकारी से भी जिला पंचायत अनजान है।


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