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लोहिया संस्थान में दो डॉक्टरों में बढ़ी तकरार, बताया जान का खतरा-एफआइआर दर्ज

लोहिया संस्थान लखनऊ में डॉक्टरों के बीच में हुआ झगड़ा एक-दूसरे पर जान से मारने की धमकी का आरोप लगा जांच के आदेश।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 06 Feb 2020 08:18 AM (IST)Updated: Thu, 06 Feb 2020 08:18 AM (IST)
लोहिया संस्थान में दो डॉक्टरों में बढ़ी तकरार, बताया जान का खतरा-एफआइआर दर्ज
लोहिया संस्थान में दो डॉक्टरों में बढ़ी तकरार, बताया जान का खतरा-एफआइआर दर्ज

लखनऊ, जेएनएन। लोहिया संस्थान में हृदय रोग विशेषज्ञों में तकरार बढ़ गई। दो डॉक्टरों ने एक-दूसरे से जान का खतरा बताया। उन्होंने निदेशक से शिकायत के साथ ही थाने में एफआइआर कराई है। उधर, तीमारदार ने डॉक्टर की वजह से मरीज की जिंदगी खतरे में बताई।

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लोहिया संस्थान में हार्ट अटैक के मरीज के इलाज को लेकर बवाल जारी है। कैथ लैब में हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. आशीष झा व डॉ. सुदर्शन विजय का विवाद थाने पहुंच गया। दोनों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाकर एफआइआर कराई है। तीमारदार मो. रिजवान ने डॉ. सुदर्शन पर पिता रफीक के इलाज में बाधा डालने व अभद्रता करने की शिकायत थाने व निदेशक से की है।

इलाज में बाधा से जान को खतरा

तीमारदार रिजवान का आरोप है कि पिता रफीक को हार्ट अटैक हुआ। डॉ. आशीष कैथ लैब में एंजियोग्राफी की। वह एंजियोप्लास्टी की तैयारी में थे। ऐसे में लैब में पहुंचे डॉ. सुदर्शन व आशीष के बीच विवाद शुरू हो गया। डॉ. सुदर्शन से इलाज न मिलने पर पिता की जान को खतरा बताया। इस दौरान उन्होंने दलाल व जान से मारने की धमकी, गाली-गलौज की। पिता को एंजियोप्लास्टी बगैर बाहर निकाल दिया। ऐसे में पिता की जान को खतरा बन गया।

कैथ लैब में बाहरी डॉक्टर कैसे घुसा

डॉ. सुदर्शन ने कहा कि कैथ लैब में निजी अस्पताल के मरीज दलालों द्वारा लाए जा रहे थे। यहां एंजियोग्राफी-एंजियोप्लास्टी की जा रही थी। कैथ लैब में बाहरी डॉक्टर कैसे बैठा था। वहीं इमरजेंसी दूसरे डॉक्टर की थी तो डॉ. आशीष झा ने कैसे भर्ती कर लिया। यह मरीज लिस्ट में भी नहीं था। वहीं मरीज के इलाज में मैंने कोई बाधा नहीं पहुंचाई। उसकी एंजियोप्लास्टी होनी ही नहीं थी, दवा से इलाज चलना है। डॉ. आशीष तीमारदार, मरीज से मनगढ़ंत आरोप लगवाए जा रहे हैं।

मरीज की नहीं करने दी एंजियोप्लास्टी

डॉ. आशीष झा ने कहा कि साढ़े तीन से चार बजे के करीब रफीक की एंजियोग्राफी के बाद एंजियोप्लास्टी की तैयारी चल रही थी। डॉ. सुदर्शन बगैर अनस्ट्राइल ड्रेस में कैथ लैब में घुस आए। चिल्लाकर बोले, मरीज रफीक को तुरंत बाहर निकालो। ऑपरेशन टेबल पर अपना मरीज लेना है। मरीज रफीक की जान का हवाला दिया। मगर, वह नहीं माने। ऐसे में एंजियोप्लास्टी नहीं कर सका। मुझे धमकी दी। स्टाफ के सामने अपमानित किया। डॉ. सुदर्शन से मेरी जिंदगी को भी खतरा है।

जांच कमेटी गठित

निदेशक डॉ. एके त्रिपाठी ने कहा कि तीमारदार, डॉ. आशीष व डॉ. सुदर्शन तीनों का शिकायती पत्र मिला है। मामले की जांच के लिए डीन डॉ. नुजहत हुसैन, न्यूरोलॉजी हेड डॉ. अजय सिंह, यूरोलॉजी के डॉ. आलोक कुमार की टीम बनाई गई है। तीन दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। मरीज का इलाज किया जा रहा है।


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