रामलला की सुरक्षा हो सकती है और भी ज्यादा चौकस, DGP ने दिए संकेत
अयोध्या में रामलला की सुरक्षा में हो सकते हैं बड़े बदलाव भविष्य की सुरक्षा रणनीति पर चिंतन के लिए प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के साथ की बैठक।
अयोध्या, जेएनएन। ट्रस्ट गठन की पहली बैठक के बाद राममंदिर निर्माण की गतिविधियां गति पकड़ेंगी। इसे लेकर शासन सचेत हो गया है। रविवार को अयोध्या पहुंचे डीजीपी हितेशचंद्र अवस्थी ने अधिगृहीत परिसर की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। बैठक का मूल उद्देश्य मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था को सु²ढ़ बनाने का विमर्श रहा। डीजीपी ने रामलला की सुरक्षा में अभूतपूर्व बदलाव के संकेत दिए हैं। मुद्दा सुरक्षा से संबंधित था। इसलिए डीजीपी ने खुलकर मीडिया से साझा नहीं किया।
उन्होंने बस यही कहा, वर्तमान सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के साथ भविष्य की सुरक्षा योजना बैठक का मुख्य एजेंडा है। डीएम अनुज झा और एसएसपी आशीष तिवारी सहित सुरक्षा एजेंसियों के स्थानीय उच्चाधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया गया। अधिगृहीत परिसर भ्रमण के उपरांत उन्होंने कार्यशाला का जायजा लिया। परिसर की सुरक्षा के लिए बने पुलिस कंट्रोल रूम की व्यवस्था को देखा।
डीजीपी की कुर्सी संभालने के बाद पहली बार अयोध्या पहुंचे अवस्थी ने शासन की प्राथमिकता से मातहतों को अवगत कराया। उन्होंने राममंदिर निर्माण को लेकर चल रही पूर्व की गतिविधियों के साथ वर्तमान हालात और भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा की। डीएम और एसएसपी ने डीजीपी को रामलला की वर्तमान सुरक्षा के बारे में विस्तार से बताया। कहा, राममंदिर निर्माण के दौरान सुरक्षा के अतिरिक्त इंतजाम किए जाएंगे। अतिरिक्त फोर्स लगाई जाएगी और निगरानी के आधुनिक उपकरण भी मुहैया कराए जाएंगे। मंदिर निर्माण के उपरांत रामलला की सुरक्षा को लेकर भी विचार-विमर्श किया गया। भविष्य में रामलला की सुरक्षा में बदलाव होगा। अभी के मुकाबले मंदिर निर्माण के बाद क्षेत्र बढ़ेगा, जिसे लेकर नए सिरे से सुरक्षा व निगरानी के इंतजाम होंगे।
डीजीपी ने भगवान राम की प्रतिमा के लिए प्रस्तावित जमीन और उसे लेकर चल रही कार्रवाई के बारे में जानकारी हासिल की। एसएसपी की ओर से प्रतिमा की सुरक्षा को लेकर गुजरात मॉडल का सुझाव रखा। डीजीपी ने परिसर की सुरक्षा को लेकर लंबित योजनाओं के बारे में भी जानकारी हासिल की।