Move to Jagran APP

केजीएमयू में बोले आइसीएमआर के डायरेक्टर जनरल, वैक्सीन के बाद भी कोरोना से बचाव में लगाना होगा मास्क

केजीएमयू में वेबीनार में बोले आइसीएमआर के डायरेक्टर जनरल दाेबारा लॉकडाउन की जरूरत को नकारा। उन्होंने कहा कि देशवासियों को जल्द ही वैक्सीन मिलेगी। पांच वैक्सीन पर ट्रायल देश में चल रहा है। इसमें दो भारतीय हैं तीन विदेशी वैक्सीन हैं।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 06:08 PM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 06:08 PM (IST)
केजीएमयू में बोले आइसीएमआर के डायरेक्टर जनरल, वैक्सीन के बाद भी कोरोना से बचाव में लगाना होगा मास्क
मास्क एक प्रकार से क्लाथ वैक्सीन है। इससे 30 से 40 फीसद तक संक्रमण से बचाव मुमकिन है।

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना को सिर्फ वैक्सीन से नहीं हराया जा सकता है। देश में वायरस की चेन ब्रेक करने के लिए कई फैक्टर शामिल होंगे। इसमें मास्क (क्लाथ वैक्सीन) का रोल भी अहम हाेगा। ऐसे में कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान हर एक को रखना होगा। केजीएमयू में कोरोना महामारी पर वेबीनार का आयोजन किया गया। इसमें इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के डायरेक्टर जनरल प्रो. बलराम भार्गव भी ऑनलाइन जुड़े। उन्हें कोरोना से निपटने की वर्तमान व भविष्य की तैयारियों पर चर्चा की।

loksabha election banner

उन्होंने कहा कि देशवासियों को जल्द ही वैक्सीन मिलेगी। पांच वैक्सीन पर ट्रायल देश में चल रहा है। इसमें दो भारतीय हैं, तीन विदेशी वैक्सीन हैं। मगर, देश से कोरोना भगाने में सिर्फ वैक्सीन से ही काम नहीं चलेगा। वायरस की चेन ब्रेक करने में वैक्सीनेशन, पहले से संक्रमित हो चुके व्यक्ति‍यों में मौजूद एंटीबॉडी व मॉस्क का प्रयोग मुख्य हथियार बनेबा। मास्क एक प्रकार से क्लाथ वैक्सीन है। इससे 30 से 40 फीसद तक संक्रमण से बचाव मुमकिन है। वहीं देश में कोरोना के बढ़ रहे केसों पर दोबारा लॉकडाउन की जरूरत को नकार दिया।

बीसीजी से मिली एंटीबॉडी, कोविड वैक्सीन की दो-तीन डोज

प्रो. भार्गव ने कहा कि आइसीएमआर ने सीरो सर्वे, प्लाज्मा ट्रायल व बीसीजी टीके का ट्रायल कराया है। दो सीराे सर्वे की रिपोर्ट आ चुकी है। तीसरा सर्वे दिसंबर में पूरा होगा। वहीं बीसीजी के टीके में शुरुआती परिणाम सकारात्म आए। मरीजों में एंटीबॉडी पाई गईं। पूरे छह माह की रिपोर्ट आने पर ही फाइनल रिपोर्ट जारी होगी। वहीं कोविड वैक्सीन निर्माण में देश सही दिशा में चल रहा है। भारत वैक्सीन का हब है। 60 फीसद वैक्सीन विश्व को यहीं से आपूर्ति की जाती है। कोरोना वैक्सीन की दो से तीन डोज लगेंगी। इनका अंतराल तीन से चार सप्ताह का हो सकता है।

वायरस से निपटने के लिए 'उड़ान मिशन'

प्रो. भार्गव के मुताबिक देश में कोरोना से निपटने के लिए युद्ध स्तर की रणनीति बनाई गई। इसके लिए कई विभागों ने मिलकर ’लाइफ लाइन उडा़न मिशन’ चलाया। ऐसे में मार्च में जहां कोरोना जांच के लिए 150 लैब थीं। वहीं अब बढ़कर 2200 हो गई हैं। सरकारी में 273 व निजी मेडिकल कॉलेजों में 185 लैब चल रही हैं। इसके अलावा ट्रूनेट टेस्ट के लिए 2530 वर्क स्टेशन बनाए गए। अब कोविड मरीजों की क्लीनिकल रजिस्ट्री शुरू हो गई है। 2025 तक जीडीपी का 2.5 हेल्थ सर्विस पर खर्च होगा। इससे स्वास्थ्य सेवा अपग्रेड होगी। वहीं तमाम नए जांच उपकरण भी दिसंबर अंत तक आने वाले हैं। इस दौरान कुलपति ले. जनरल डॉ. विपिन पुरी मौजूद रहे। वेबिनार में हृदय रोग चिकित्सक डॉ. नरेश त्रेहन ने कोरोना के दौरान प्राइवेट हॉस्‍प‍िटल की चुनौतियों पर चर्चा की। वहीं लेफ्टि‍नेंट जनरल पीपी वर्मा ने कोविड मरीजों में किडनी की समस्या पर जानकारी दी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.