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बैकुंठ उत्सव में मंदिर भक्तों के जयकारों से गूंजा, गोविंदा के पुत्र-पुत्री ने किए बांकेबिहारी के दर्शन

मथुरा में दक्षिण परंपरा के रंगजी मंदिर में बैकुंठ उत्सव उल्लासपूर्वक मनाया गया। वृंदावन में अभिनेता गोविंदा के पुत्र-पुत्री ने बांकेबिहारीजी के दर्शन किए।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 18 Dec 2018 08:22 PM (IST)Updated: Wed, 19 Dec 2018 08:49 AM (IST)
बैकुंठ उत्सव में मंदिर भक्तों के जयकारों से गूंजा, गोविंदा के पुत्र-पुत्री ने किए बांकेबिहारी के दर्शन
बैकुंठ उत्सव में मंदिर भक्तों के जयकारों से गूंजा, गोविंदा के पुत्र-पुत्री ने किए बांकेबिहारी के दर्शन

जेएनएन, मथुरा-वृंदावन। दक्षिण भारतीय परंपरा के रंगजी मंदिर में मंगलवार को बैकुंठ उत्सव उल्लासपूर्वक मनाया गया। बैकुंठ एकादशी पर भोर में ठाकुरजी सोने की पालकी में विराजकर बैकुंठ द्वार से गुजरे तो मंदिर परिसर भक्तों के जयकारे से गूंज उठा। उल्लेखनीय है कि रामानुज संप्रदाय में बैकुंठ उत्सव की परंपरा साढ़े चार हजार वर्ष पुरानी है। मान्यता है कि जब भगवान बैकुंठ द्वार से गुजरते हैं, उस वक्त जो भी भक्त भगवान के पीछे उक्त द्वार से गुजरता है, उसे बैकुंठ की प्राप्ति होती है। इस बीच वृंदावन में बांकेबिहारी के दर्शन नियमित तौर पर होते रहे। आज फिल्म अभिनेता गोविंदा के पुत्र और पुत्री ने अपनी मां के साथ ठाकुर बांकेबिहारीजी के दर्शन कर पूजा-अर्चना की। 

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ठाकुरजी की आरती उतारी

ठा. रंगनाथ मंदिर में मंगलवार सुबह ठाकुरजी की आरती उतारी गई। सोने की पालकी में ठाकुरजी विराजमान हुए। दक्षिण भारतीय परंपरा के वाद्ययंत्रों की धुन और वेदमंत्रों के सस्वर पाठ के साथ ठाकुरजी की पालकी बैकुंठ द्वार से निकली। ठाकुरजी के दर्शन कर भक्तों में उल्लास छा गया। जयकारे गूंजने लगे। बैकुंठ द्वार से निकलकर ठाकुरजी संतों को दर्शन देने के बाद पुन: मंदिर पहुंचे। 

यह है उत्सव की मान्यता

रामानुज संप्रदायाचार्य नरेशनारायण ने बताया कि करीब साढ़े चार हजार वर्ष पहले जब बैकुंठ जाने का समय हुआ, तो इमली के पेड़ के नीचे बैठे संत आल्वार शठकोप सूरी ने बैकुंठ गमन से पहले भगवान से उनके द्वारा रची गई श्रीराम और श्रीकृष्ण लीला का वर्णन सुनने की प्रार्थना की। संत की आराधना से प्रसन्न भगवान रंगनाथ ने बैकुंठ जाने के लिए दस दिन का समय बढ़ाया और उनके समक्ष अपने दोनों रूपों की लीलाओं का वर्णन किया। इसके बाद ही संत बैकुंठ गए। इसी समय से रामानुज संप्रदाय में बैकुंठ उत्सव मनाया जाता है।

गोविंदा के पुत्र-पुत्री ने लिया बांकेबिहारी से आशीर्वाद

वृंदावन कांग्रेस के पूर्व सांसद एवं फिल्म अभिनेता गोविंदा के पुत्र यशवर्धन और अभिनेत्री बेटी टीना ने अपनी मां सुनीता के साथ मंगलवार शाम ठाकुर बांकेबिहारी जी के दर्शन कर पूजा-अर्चना की। दोनों ने पिता की रिलीज होने वाली फिल्म 'रंगीला राजा ' की सफलता के लिए आशीर्वाद मांगा और अपने फिल्मी करियर की अच्छी शुरुआत की कामना की। बेटी टीना जो फिल्म सेकेंड हैंड हसबैंड में मुख्य भूमिका निभा चुकी है और एक फिल्म अभी साइन करने जा रही हैं। फिल्म साइन करने से पहले पिता की सलाह पर अपने भाई के साथ वृंदावन पहुंचीं। यहां बांकेबिहारीजी की पूजा की। टीना ने कहा कि दिसंबर के अंतिम हफ्ते में पिता गोङ्क्षवदा की फिल्म  'रंगीला राजा ' रिलीज हो रही है। वे बांकेबिहारीजी से आशीर्वाद लेने आना चाहते थे, लेकिन व्यस्त दिनचर्या के कारण नहीं आ सके। पिता ने ही उन दोनों को इस कार्य के लिए भेजा है। बस अब फिल्मी करियर में दोनों भाई-बहनों को सफलता मिले, यही आशीर्वाद मांगा है। 


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