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अयोध्‍या में राम मंदि‍र न‍ि‍र्माण के ल‍िए BOB और PNB में जमा कर सकेंगे दान, ट्रस्‍ट ने खुलवाया खाता

ट्रस्ट के गठन के साथ ही अयोध्या स्थित भारतीय स्टेट बैंक में दान के लिए खाता खुला था। ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि बैंक आफ बडौ़दा व पंजाब नेशनल बैंक में खाता खोला गया है। दानदाता इसमें स्वेच्छा से दान की धनराशि जमा कर सकते हैं।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 13 Dec 2020 09:45 PM (IST)Updated: Mon, 14 Dec 2020 06:00 AM (IST)
अयोध्‍या में राम मंदि‍र न‍ि‍र्माण के ल‍िए BOB और PNB में जमा कर सकेंगे दान, ट्रस्‍ट ने खुलवाया खाता
ट्रस्ट ने खोला खाता बैंक खाते से जुड़ी जानकारी की सार्वजनिक।

अयोध्या, जेेेेेेएनएन। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण के लिए दानदाताओं को और सहूलियत दी है। एसबीआई के अलावा पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और बैंक ऑफ बड़ौदा (बॉब) में भी दान कर सकेंगे। अब तक ट्रस्ट ने सिर्फ भारतीय स्टेट बैंक में खाता खुलवाया था। इसी में धनराशि लोग भेज रहे थे। पर ट्रस्ट की बदली रणनीति के अंतर्गत पंजाब नेशनल बैंक व बैंक ऑफ बड़ौदा में भी खाता खोल दिया गया। ट्रस्ट ने इसकी जानकारी भी सार्वजनिक कर दी है।

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ट्रस्ट के गठन के साथ ही अयोध्या स्थित भारतीय स्टेट बैंक में दान के लिए खाता खुला था। ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल कुमार मिश्र ने बताया कि बैंक आफ बडौ़दा व पंजाब नेशनल बैंक में खाता खोला गया है। दानदाता इसमें स्वेच्छा से दान की धनराशि जमा कर सकते हैं। उन्होंने अधिकाधिक दान का आह्वान भी किया। तीनों बैंक के ट्रस्ट के खाते ऑनलाइन कर दिए गए हैं। इसमें नेट बैंकि‍ंंग भी जोड़ी गई है।

दानदाता ट्रस्ट की वेबसाइट से भी ऑनलाइन धनराशि इनमें से किसी भी खाते में ट्रांसफर कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त आरटीजीएस, आइएमपीएस, नेफ्ट के माध्यम से भी तीनों खातों में दान की धनराशि भेजी जा सकती है। डॉ. मिश्र ने बताया कि धन संग्रह अभियान के लिए अलग से खाते खोले जाएंगे जिन्हें बाद में सार्वजनिक किया जाएगा। दान करने वालों को आयकर प्रावधान के अनुसार छूट मिलेगी। 

मंदिर निर्माण के लिए दिया 21 हजार

मुस्कान पुनर्वास केंद्र की निदेशक एवं समाज सेविका डॉ. रानी अवस्थी ने रामजन्मभूमि न्यास कार्यालय पहुंचकर अपने परिवार की ओर से मंदिर निर्माण के लिए 21 हजार की सहयोग राशि प्रदान की। इसके साथ ही उन्होंने मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्रदास को रामलला की पोशाक भी भेंट की। उन्होंने कहा कि प्रभु श्री राम की मेरे ऊपर बड़ी कृपा है, उसी की कृपा का फल है कि तीर्थ राज प्रयाग में जन्म लेने के बाद प्रथम पुरी अयोध्या में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ और प्रतिपल सरयू मां का दर्शन सुलभ हुआ।


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