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रायबरेली में फाल्गुन मास की पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने किया गंगा स्नान, मंदिरों में हुई पूजा-अर्चना

सनातन धर्म पीठ बड़ा मठ के महामंडलेश्वर स्वामी देवेंद्रानंद गिरि ने कहा कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार आज के ही दिन मां लक्ष्मी का अवतरण दिवस माना गया है। फाल्गुन माह की पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने व गरीबों को दान देने से विशेष पूण्य की प्राप्ति होती है।

By Rafiya NazEdited By: Published: Sun, 28 Mar 2021 01:27 PM (IST)Updated: Sun, 28 Mar 2021 03:47 PM (IST)
रायबरेली में फाल्गुन मास की पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने किया गंगा स्नान, मंदिरों में हुई पूजा-अर्चना
रायबरेली में फाल्गुन मास की पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने किया गंगा स्नान।

रायबरेली, जेएनएन। फाल्गुन माह की पूर्णिमा पर रविवार को गंगा तट पर श्रद्धालुओं का सुबह से ही जमावड़ा लग गया। हालांकि कोरोना महामारी के चलते पिछले वर्ष की अपेक्षा कम संख्या में लोग पहुंचे। डलमऊ के राजघाट, रानी शिवाला घाट, संकटमोचन घाट, पथवारी देवी घाट, दीनशाह गौरा घाट, महावीरन घाट, राजा नेवाज सिंह घाट, बड़ा मठ आदि गंगा घाटों पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान किया। गंगा स्नान के बाद तट पर स्थित मंदिरों में पूजा-अर्चना कर श्रद्धालुओं ने अपने तीर्थ पुरोहितों को यथाशक्ति दान दक्षिणा देकर जीवन कल्याण की कामना की। गंगा स्नान के दौरान घाटों से पुलिस नदारद रही। 

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सनातन धर्म पीठ बड़ा मठ के महामंडलेश्वर स्वामी देवेंद्रानंद गिरि ने कहा कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार आज के ही दिन मां लक्ष्मी का अवतरण दिवस माना गया है। फाल्गुन माह की पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने व गरीबों को दान देने से विशेष पूण्य की प्राप्ति होती है। इसी तरह ऊंचाहार के गोकना घाट, तीर का पुरवा, सरेनी के गेंगासो, शिवपुरी घाट पर भी श्रद्धालुओं ने स्नान किया। 

डूबने लगे युवक मचा हड़कंप: रायबरेली से चार युवक गंगा स्नान करने के लिए आए थे।पथवारी देवी घाट व दीनशाह गौरा घाट के बीच धारा के मध्य टापू में सभी स्नान करने लगे। तभी अचानक युवक विवेक का पैर फिसला और वह गहरे पानी में डूबने लगा। बचाने के लिए एक दूसरा साथी बढ़ा तो वह भी डूबने लगा। युवकों को डूबता देख हड़कंप मच गया। आनन फानन स्थानीय नाविकों ने नाव दौड़ाकर डूब रहे युवकों को बचाया। घटना की सूचना डलमऊ कोतवाली को दी गई, लेकिन कोई भी पुलिस कर्मी मौके तक नहीं पहुंचा। लोग असुरक्षा के बीच जान हथेली पर रख बीच धारा में गोते लगाते रहे। किसी ने उन्हें रोकने की जहमत नहीं उठाई। तीर्थ पुरोहित संदीप मिश्र ने बताया कि चार युवक गंगा में स्नान करते समय डूबने लगे थे, जिन्हें नाविकों की मदद से बचा लिया गया।


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