मकर संक्रांति 2022: गोमती के घाटों पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, सूर्य उपासना के साथ किया दान
मकर संक्रांति पर शनिवार को गोमती के घाटों पर आस्था की डुबकी लगाकर श्रद्धालुओं ने सूर्य देव की पूजा कर दान पुण्य किया। सूर्योदय के बाद से संक्रांति के मान के चलते कुड़िय़ाघाट पर भोर से ही श्रद्धालुओं का जमावड़ा लग गया थ। कोरोना संक्रमण के चलते भीड़ कम रही।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। मकर संक्रांति पर शनिवार को गोमती के घाटों पर आस्था की डुबकी लगाकर श्रद्धालुओं ने सूर्य देव की पूजा कर दान पुण्य किया। सूर्योदय के बाद से संक्रांति के मान के चलते कुड़िय़ाघाट पर भोर से ही श्रद्धालुओं का जमावड़ा लग गया थ। हालांकि कोरोना संक्रमण के चलते भीड़ कम रही। झूलेलाल घाट पर भी सुबह से ही लोगों का जमावड़ा लग गया था। गंदगी के बावजूद लोगों ने स्नान कर काले तिल व खिचड़ी का दान किया। अग्रसेन घाट, संझिया घाट के अलावा लक्ष्मण मेला स्थल व शिव मंदिर घाट पर भी लोगों ने स्नान दान किया। आचार्य राकेश पांडेय ने बताया कि सूर्य के मकर राशि के प्रवेश को मकर संक्रांति कहते हैं।
मकर संक्रांति सूर्योदय के बाद पुण्यकाल में पवित्र स्थानों पर स्नान दान का महत्व होता है। इस पुण्यकाल में स्नान, सूर्य उपासना , जप , अनुष्ठान, दान-दक्षिणा देते हैं। काले तिल, गुड़ , खिचड़ी, कंबल व लकड़ी के दान का विशेष महत्व है। आचार्य आनंद दुबे ने बताया कि सूर्योदय से लेकर दोपहर तक संक्रांति का मान रहा। मकर संक्रांति के दिन श्रवण नक्षत्र में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने से वज्र योग बन रहा है। यह खास संयोग कई राशियों के लिए शुभ परिणाम लेकर आएगा। आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि सूर्य के मकर राशि में आने से मकर संक्रांति के दिन तीन ग्रहों का शुभ संयोग बना और मेष, कर्क, कन्या, तुला, धनु व मीन राशियों को इस योग का मिलेगा शुभ प्रभाव मिलेगा। ज्योतिष के अनुसार कुंडली में सूर्य शनि का दोष वाले श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति पर्व पर सूर्य की उपासना की। सूर्य के अच्छे प्रभाव से यश, सरकारी पक्ष और पिता से लाभ ,आत्मविश्वास में वृद्धि , सिर दर्द, आंखों के रोग, हडि्डयों के रोग व हृदय के रोगों से भी आराम मिलेगा।