यूपी में निराश्रित दिव्यांगों को मिलेगा आसरा, सरकार ने आश्रय घरों को जल्द खोलने का दिया निर्देश
कड़कड़ाती ठंड हो या फिर बारिश तेज धूप हो या फिर कोहरा। इन सबसे बेखबर सामाजिक तिरस्कार का दंश झेल रहे मानसिक मंदितों को तो आपने जरूर देखा होगा। आपका दिल भी उनकी सेवा करने या फिर उन्हें देखकर पसीजता जरूर होगा।
लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। कड़कड़ाती ठंड हो या फिर बारिश, तेज धूप हो या फिर कोहरा। इन सबसे बेखबर सामाजिक तिरस्कार का दंश झेल रहे मानसिक मंदितों को तो आपने जरूर देखा होगा। आपका दिल भी उनकी सेवा करने या फिर उन्हें देखकर पसीजता जरूर होगा। दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की पहल पर ऐसे सार्वजनिक स्थानों पर घूमने वाले निराश्रित मानसिक मंदितों को सहारा देगा। इसकी कवायद शुरू हो गई है।
दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की ओर से लखनऊ समेत प्रदेश के सभी मंडलों में ऐसे आश्रय घरों को खोलेगा जहां सड़क के किनारे, रेलवे स्टेशनों, बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर मानसिक मंदितों को लाकर रखा जाएगा। विभाग की ओर से सभी मंडलों में आश्रयालय की साफ-सफाई कर खोलने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं।
मोहान रोड व सरोजनीनगर में बन रहा आश्रालयः दिव्यांगजन सशक्तीकरण के प्रस्ताव पर शासन की ओर से न केवल मुहर लगा दी गई बल्कि इसके लिए बजट का भी प्रावधान कर दिया गया है। लखनऊ के मोहान रोड और सरोजनीनगर में निर्माण कार्य चल रहा है। अगले साल यह बनकर तैयार हो जाएगा। रहने की सुविधाओं के साथ दिव्यांगों को आवागमन में कोई दिक्कत न हो इसका भी ध्यान रखा जाएगा। आश्रय घरों में मानसिक मंदितों को भोजन, कपड़ा, चिकित्सा व मनोरंजन जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। 18 साल से नीचे के लिए मोहान रोड पर निर्माण चल रहा है तो 18 साल से ऊपर के दिव्यांगों को सरोजनीगनर में रहने की सुविधा दी जाएगी।
प्रदेश सरकार की पहल पर इस योजना को अमली जामा पहनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। लखनऊ इसकी शुरुआत हो चुकी है। अन्य मंडलों ऐसे आश्रय घर खोलने की कवायद चल रही है। सरकार की इस योजना के दिव्यांगों को राहत होगी। पेंशन की सुविधा भी दी जाएगी। वर्तमान में लखनऊ में 18000 से अधिक दिव्यांगों को पेंशन का लाभ दिया जा रहा है। -केके वर्मा, जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी