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लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोप‍ित आशीष मिश्र को डेंगू, पुलिस रिमांड से वापस जिला जेल के अस्पताल में भर्ती

आशीष मिश्रा को शनिवार की रात करीब दस बजे अचानक जेल में दाखिल कर दिया गया। जबकि उनकी पुलिस रिमांड रविवार शाम पांच बजे तक थी। डॉक्टरों के मुताबिक आशीष मिश्रा को तेज बुखार है और उनको डेंगू हुआ है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 11:02 PM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 06:47 AM (IST)
आशीष मिश्र से कराया गया सातों आरोपितों का सामना। सबसे एक साथ हुई पूछताछ के बाद जुटाए गए तथ्य।

लखीमपुर-खीरी, संवाद सूत्र। तिकुनिया हिंसा कांड के मुख्य आरोपित केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र को डेंगू हो गया है । वह 48 घंटे की पुलिस रिमांड पर थे। रिमांड का वक्त पूरा होने से पहले ही आशीष मिश्रा को वापस जिला कारागार के अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। आशीष मिश्रा को शनिवार की रात करीब दस बजे अचानक जेल में दाखिल कर दिया गया। जबकि उनकी पुलिस रिमांड रविवार शाम पांच बजे तक थी। डॉक्टरों के मुताबिक आशीष मिश्रा को तेज बुखार है और उनको डेंगू हुआ है। एसआइटी के सूत्रों ने बताया कि आशीष मिश्रा को डेंगू उस वक्त भी था, जब उनको गुरुवार की शाम रिमांड पर लिया गया था। शनिवार देर शाम अचानक उनको तेज बुखार आया और उनका शुगर लेवल भी बढ़ा पाया गया। इसके बाद उन्हें कारागार के अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। जेल अधीक्षक ने बताया कि आशीष मिश्रा को तेज बुखार है और जेल के अस्पताल में डॉक्टर उनका परीक्षण कर रहे हैं।

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एसआइटी ने आठों आरोपितों को आमने-सामने बिठाया : लखीमपुर-खीरी कांड में किसानों की हत्या से संबंधित दर्ज मुकदमे में अब तक 13 आरोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी है। एसआइटी सूत्रों के मुताबिक ये लगभग सभी चिन्हित आरोपित हैं, जिनको तफ्तीश के दौरान पुलिस प्रकाश में लाई है। इन आरोपितोंं में से एक साथ गिरफ्तारी न हो पाने के चलते चार-चार आरोपितों से अब तक पूछताछ हो चुकी हैं, जिनके बयानों में विरोधाभास है। एसआइटी ने इसी को दूर करने के लिए शनिवार को आठ आरोपितों से एक साथ पूछताछ की रणनीति बनाई थी।

सूत्र बताते हैं कि यह पहला मौका था जब इस घटना से जुड़े सभी आठ आरोपित एक साथ पुलिस की रिमांड पर थे। सभी एक दूसरे के आमने सामने थे। बताया जाता है कि इस घटना के चश्मदीद और वायरल वीडियो में भागते दिख रहे सभासद सुमित के बयान बेहद अहम माने जा रहे हैं क्योंकि घटना के बाद वह दो दिन तक न्यूज चैनलों पर बहुत ही बेबाकी से अपनी बात रखते नजर आए थे, लेकिन जब एसआइटी ने उनकी तलाश शुरू की तो वह गायब हो गए। नतीजतन उनके घर पर भी पुलिस को नोटिस चस्पा करना पड़ा। इसके अलावा घटना से जुड़े लखनऊ के कारोबारी अंकित दास, उनके गनर लतीफ उर्फ काले, सत्य त्रिपाठी समेत सभी पुलिस की कस्टडी में एक साथ थे तो जाहिर है कि शनिवार को हुई इन सभी आठों आरोपितों से पूछताछ बेहद निर्णायक रही है। मुख्य आरोपित आशीष मिश्र का इन सभी सातों आरोपितों से सामना कराए जाने की घटना से एसआइटी को अहम जानकारी मिली है, जिसे वह अदालत में पेश करेगी। 


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