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बाराबंकी में फर्जी मिली तीन शिक्षकों की डिग्री, SIT की जांच में हुआ उजागर; रोका गया वेतन

बाराबंकी जिले के दो एडेड व एक राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम (एसआइटी) की जांच व विभागीय सत्यापन में तीन शिक्षकों के फर्जी अभिलेख जांच में मिले हैं। अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा के आदेश पर तीनों का वेतन रोक दिया गया है।

By Rafiya NazEdited By: Published: Tue, 02 Feb 2021 04:57 PM (IST)Updated: Tue, 02 Feb 2021 04:57 PM (IST)
बाराबंकी में तीन फर्जी शिक्षकों का रोका गया वेतन।

बाराबंकी, जेएनएन। जिले के दो एडेड व एक राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम (एसआइटी) की जांच व विभागीय सत्यापन में तीन शिक्षकों के फर्जी अभिलेख जांच में मिले हैं। अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा के आदेश पर तीनों का वेतन रोक दिया गया है। जिला विद्यालय विद्यालय निरीक्षक राजेश कुमार वर्मा ने सभी का वेतन रोकने की पुष्टि की है।

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जिला विद्यालय निरीक्षक राजेश कुमार वर्मा ने बताया कि शहर के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में वर्ष 2015 में उर्दू प्रवक्ता जीनत जवी की तैनाती हुई थी। विभागीय सत्यापन में कक्षा 10 की मार्कशीट में संदिग्धता मिली है। ऐसे में वेतन रोकने की कार्रवाई की गई है। इसके अलाव डीएवी स्कूल में सहायक अध्यापक के पद पर ज्ञानदास वर्मा की तैनाती वर्ष 2003 में हुई थी। वर्ष 1986 में इंटरमीडिएट पास किया था। अपर सचिव क्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी की ओर से कराए गए सत्यापन में पता चला कि परीक्षाफल निरस्त और अनुपस्थित पाया गया था। उनका भी वेतन भुगतान रोक दिया गया है। वहीं, शशीवेंद्र की तैनाती सहायक अध्यापक पद पर फतेहचंद जगदीश राय इंटर कॉलेज सफदरगंज में हुई थी। इनकी बीए व बीएड डिग्री की जांच एसआइटी की ओर से डॉ. भीमराव आंबेडकर आगरा से करवाई गई। यहां यह डिग्री फर्जी पाई गई। ऐसे में अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक महेंद्र देव के निर्देश पर शिक्षक का वेतन रोक दिया गया है।


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