रक्षा मंत्रालय वापस लेगा लखनऊ छावनी का एक और बंगला, 15 साल से लटका था मामला
लखनऊ महात्मा गांधी मार्ग स्थित इस बंगले को जारी हुआ नोटिस। करोड़ों की जमीन 15 साल से नहीं हो रही थी रक्षा मंत्रालय को वापस। मंत्रालय ने बंगले के भवन स्वामी को नोटिस भी जारी कर दिया है। लखनऊ छावनी में रक्षा मंत्रालय के 60 बंगले हैं।
लखनऊ, जेएनएन। छावनी में रक्षा मंत्रालय की एक और बंगले पर टेढ़ी नजर हो गई है। करीब 15 साल बाद रक्षा मंत्रालय ने बंगले की जमीन को वापस लेने की कार्यवाही शुरू कर दी है। मंत्रालय ने बंगले के भवन स्वामी को नोटिस भी जारी कर दिया है। लखनऊ छावनी में रक्षा मंत्रालय के 60 बंगले हैं। जिसकी कई एकड़ बेशकीमती जमीन पर इन बंगलो का निर्माण कराया गया है।
हर बंगले में सेना की दो से तीन एकड़ जमीन भवन स्वामी के पास लीज पर है। लखनऊ छावनी के इन बंगलो में कई पूर्व मंत्री, सैन्य अधिकारी, सेवानिवृत पुलिस अफसर, आईएएस और सांसदों के बंगले हैं। रक्षा मंत्रालय की नजर उन बंगलो पर है जिसकी लीज समाप्त हो रही है, या फिर बंगलो में वास्तविक स्वामी (एचओआर) नही रह रहे हैं। इसी तरह का बंगला 225 महात्मा गांधी मार्ग है। जो कि रायबरेली मेन रोड पर ही स्थित है। इस बंगले की खाली जमीन एक्स्ट्रा वैकेंट लैंड (ईवीएल) का क्षेत्रफल लगभग 1.7 एकड़ का है।
रक्षा मंत्रालय के लखनऊ स्थित रक्षा संपदा मुख्यालय ने वर्ष 2005 में भी जमीन का कब्जा को वापस करने के लिए पत्र लिखा था। हालांकि, तब से अब तक रक्षा मंत्रालय इस बंगले को वापस नही ले सका था। रक्षा संपदा अधिकारी विकास कुमार ने 10 नवंबर को बंगले की भूमि वापस करने की नोटिस जारी कर दी है। इससे पहले पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बंगले से तीन एकड़ ईवीएल अक्टूबर 2018 में जबकि डॉक्टर संजय सिंह के बंगले से दो एकड़ जमीन इसी साल जुलाई में सेना ने खाली कराई थी। जिस बंगले में अवैध गुटखा पकड़ा गया था। उस बंगले पर भी कार्यवाही की तैयारी है। जबकि सोमनाथ द्वार के पास ही रेसकोर्स हाउस को लीज पर गलत तरीके से लीज पर दिए जाने के मामले में भी रक्षा मंत्रालय कड़ी कार्यवाही कर सकता है।