दीपावली का घरेलू पूजन करने के बाद तंत्र साधना मुहूर्त 12.00 से 2.00 बजे तक
दीपावली का पर्व पर पूरा उत्तर प्रदेश रोशनी से झिलमिला रहा है। लक्ष्मी पूजन की तैयारियां शुरू हैं। लोगों ने खरीदारी की और एक दूसरे को शुभकामनाएं दीं।
लखनऊ (जेएनएन)। दीपावली का पर्व बुधवार को मनाया जा रहा है। पूरा उत्तर प्रदेश रोशनी से झिलमिला रहा है। लक्ष्मी-गणेश के पूजन के लिए लोग तैयारियों में लगे है। इस दौरान लोगों ने बाजारों में जमकर खरीदारी की और एक दूसरे को शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दीपावली की खुशियां बांटने के लिए गोरखपुर के जंगल में वनटांगियां ग्रामीणों के बीच होंगे। वनटांगिएं भी एक बार फिर पूरे उत्साह से दीपावली मनाने को तैयार हैं। इस बीच सजावट और खरीदारी का दौर जारी रहा। धनतेरस पर लोगों ने खील, बताशे, लावा, मिठाई व पूजन सामग्री के साथ-साथ उपहारों की भी जमकर खरीदारी की। बाजारों में जाम जैसी स्थिति रही। खरीदारी का सिलसिला तीन दिन से दिन रात चल रहा। बिजली विभाग को 24 घंटे आपूर्ति देने के निर्देश है। शहर में 24 घंटे और ग्रामीण इलाकों में 18 घंटे पर्व पर बिजली आपूर्ति रहेगी।
दीपावली पूजन मुहुर्त
- घरेलू शूभ मुहूर्तः शाम 5. 45 से 7.45 बजे
- व्यावसायिक मुहूर्तः रात 12 बजे से 2.00 बजे
- तांत्रिक विधा मुहूर्तः रात 12 बजे से 2.00 बजे
योगी आज वनटांगियों संग मनाएंगे दीपावली
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ दीपावली की खुशियां बांटने के लिए गोरखपुर के जंगल तिनकोनिया नंबर तीन के लोग यानी वनटांगिए एक बार फिर पूरे उत्साह के साथ तैयार हैं। उनके घरों में चल रही तैयारियां इसे साबित करती हैं। स्वागत के लिए घर-घर में तरह-तरह के पकवान बन रहे हैं। योगी बुधवार को दीपावली के दिन उनके बीच होंगे।गांव की लक्ष्मीना, प्रिया, कुमकुम, ममता, सिरपति, संगीता, बबिता, गीता, प्यारी, सिरजावती देवी कहती हैं कि अब योगी तो उनके घर के सदस्य हैं। ऐसे में उन्हें पता है कि योगी को क्या पसंद है। अमरनाथ, अमन, रामसजीवन, गंगा गुप्ता, चंद्रभान चौहान, संत गुलाब, रितुराज चौहान कहते हैं कि जब से उनका गांव सदर संसदीय क्षेत्र में आया तभी से योगी आदित्यनाथ उनके सुख-दुख में साथ खड़े रहते हैं। यह सिलसिला बीते 13 वर्ष से चल रहा है। बीते वर्ष हमारे गांव को राजस्व गांव का दर्जा दिलाकर उन्होंने यह साबित कर दिया कि उन्हें वनटांगियों को हमेशा चिंता रहती है।
अस्पताल में मुस्तैदी के निर्देश
इस बीच शासन से निर्देश जारी किए गए हैं कि आतिशबाजी काफी नुकसानदायक होती है। सीधे पटाखे का शोर कान का पर्दा खराब कर सकता है। इंसान बहरा हो सकता है। चिंगारी से आंखों को भी नुकसान हो सकता है। खासतौर से गर्भवती महिलाओं व छोटे बच्चों को पटाखों से दूर रहना चाहिए। अगर बच्चे आतिशबाजी करते है तो उन पर बड़े निगरानी करें। सभी जिलाधिकारियों से जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश शासन ने सभी जिला चिकित्साधिकारियों और ग्रामीण अंचल में सीएचसी व पीएचसी पर चिकित्सकों के मुस्तैद रहने के निर्देश दिए है। आतिशबाजी में अगर कोई जल जाता है तो पानी में हाथ भिगोने के साथ सीधे चिकित्सक से संपर्क करे। इमरजेंसी में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की गई है। 108 एंबुलेंस व जिला चिकित्सालय की एक एबुंलेंस की उपलब्धता है। आकस्मिक उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में दवा व आंख में डालने वाली दवा के अलावा पट्टी आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।