चालान भी नहीं रोक पा रहे 'मौत' की रफ्तार, UP में रोज होते चार हादसे-हर तीसरे दिन मौत
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे समेत कई सड़कों पर स्पीड हुई जानलेवा जुर्माना बढ़ा मगर नहीं मान रहे वाहन चालक।
लखनऊ [अनुज शुक्ल]। प्रदेश की सभी सड़कों पर रफ्तार तय है, लेकिन वाहन चालक जान जोखिम में डालने से बाज नहीं आ रहे। इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से हो रहे चालान और भारी जुर्माना राशि भी उनपर ब्रेक नहीं लगा पा रही। आलम यह है कि अकेले लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर गत चार माह में ओवर स्पीड के तीन गुना अधिक मामले बढ़े हैं। आंकड़े गवाह हैं। काकोरी स्थित एक्सप्रेस-वे एग्जिट प्वाइंट पर नवंबर में यह आंकड़ा करीब एक हजार को छू गया। बाकी स्टेट हाईवे, बाईपास, जिलों को जोडऩे वाली और शहर की सड़कों के हालात भी वाहन चालकों के लिए स्पीड के कारण जानलेवा साबित हो रहे हैं।
चार हादसे रोज होते, तीसरे दिन मौत
रफ्तार का यह आलम तब है, जब 302 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे पर रोजाना करीब चार हादसे होते है। जबकि हर तीसरे दिन हादसे में किसी न किसी की मौत हो जाती है। पिछले दो साल में 2477 हादसों में 263 लोगों की जान जा चुकी है।
100 किमी प्रति घंटा रफ्तार निर्धारित
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर 100 किमी प्रति घंटा स्पीड तय है। इससे ऊपर वाहनों की स्पीड रखने वालों की धरपकड़ के लिए 36 स्थानों पर
90 स्पीड सेंसर कैमरे और हर 50 किलोमीटर पर स्पीड डिस्प्ले मीटर टावर स्थापित हैं।
80 किमी प्रति घंटा भारी वाहनों की रफ्तार
एक्सप्रेस-वे पर बड़े हादसे
07 अक्टूबर : उन्नाव तोंदा खेड़ा में सफारी खड़े कंटेनर से घुसी, चार की मौत
28 जून : आगरा फतेहाबाद में सवारियों से भरी बस व ट्रक में टक्कर, सात की मौत, ४६ घायल
21 अप्रैल : मैनपुरी करहल में बस ट्रक में घुसी, सात की मौत
25 मार्च : मैनपुरी एरिया में रोडवेज बस में आग, चार की जलकर मौत।
11 जून 2018 : कन्नौज तिर्वा में बस ने छह छात्रों व एक टीचर को रौंदा, मौत।
शहर में पिकप पुल का हाल
13 जनवरी : लोहिया पथ पर कार की टक्कर से नगर निगम कर्मचारी अतीक की मौत।
23 मार्च : लोहिया पथ ओवर ब्रिज से उछलकर बाइक पुल के नीचे गिरने से सतेंद्र पांडेय व उसके भाई प्रमोद की मौत।
29 अगस्त : बाइक सवार सुधीर, अंकित, और नीरज गिरे। सुधीर की मौके पर मौत।
10 अक्टूबर : अलीगंज के दिलीप की फ्लाईओवर से गिरने से मौत।
14 अक्टूबर : बाइक सवार होटल कर्मी हर्ष वर्धन व अक्षय कुमार की मौत, साथी राहुल गंभीर।
नवंबर में चालान
चालान : 35971
शमन शुल्क : 1.27 करोड
सीज : 10 वाहन
हादसे : जनवरी से अक्टूबर
दुर्घटना : 1409
मरने वाले : 472
घायल : 786
चालान : 287,115
शमन शुल्क : 4.92 करोड़
वर्ष 2018
1638 हादसे
1638 की मौत
इन सड़कों पर इतनी स्पीड
- 100 किमी प्रति घंटा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर
- 60 किमी प्रति घंटा सीतापुर रोड पर आइआइएम तिराहे से इटौजा तक
- 80 किमी प्रति घंटा इटौजा के आगे सीतापुर रोड पर
- 60 किमी प्रति घंटा आइआइएम तिराहे से दुबग्गा तिराहे तक ६० किमी प्रति घंटा
- 40 किमी प्रति घंटा दुबग्गा से हरदोई रोड
- 40 किमी प्रति घंटा दुबग्गा से बाराविरवा वाया बुद्धेश्वर
- 40 किमी प्रति घंटा कानपुर रोड पर चारबाग से से गौरीगंज
- 60 किमी प्रति घंटा गौरीगंज से बंथरा
- 80 किमी प्रति घंटा बंथरा से आगे कानपुर रोड तक
- 80 किमी प्रति घंटा शहीद पथ पर
- 80 किमी प्रति घंटा रायबरेली रोड पर तेलीबाग से मोहनलालगंज तक
- 60 किमी प्रति घंटा मोहनलालगंज से आगे रायबरेली रोड तक
- 40 किमी प्रति घंटा सुलतानपुर रोड पर
- 60 किमी प्रति घंटा गोसाईगंज से आगे सुल्तानपुर रोड
- 40 किमी प्रति घंटा फैजाबाद रोड पर पालिटेक्निक चौराहे से मटियारी तक
- 40 किमी प्रति घंटा मटियारी चौराहे से देवा रोड
- 60 किमी प्रति घंटा मटियारी से सफेदाबाद तक
- 80 किमी प्रति घंटा सफेदाबाद से आगे फैजाबाद तक
- 40 किमी प्रति घंटा नगर निगम व एलडीए की सीमा क्षेत्र में