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यूपी में कोरोना से मौतों की गवाही दे रहे डेथ सर्टिफिकेट के लिए आवेदन, कई गुना बढ़े पंजीकरण के आंकड़े

प्रयागराज में नगर निगम के आंकड़े में अप्रैल 2020 में कुल 229 मृत्यु प्रमाणपत्र बने थे। इस बार अप्रैल महीने में निगम मुख्यालय और जोन कार्यालयों में मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए 734 पंजीकरण हुए। जो कि पिछले वर्ष के इसी महीने की अपेक्षा तीन गुना से ज्यादा है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sat, 01 May 2021 06:23 PM (IST)Updated: Sun, 02 May 2021 09:11 AM (IST)
यूपी में कोरोना से मौतों की गवाही दे रहे डेथ सर्टिफिकेट के लिए आवेदन, कई गुना बढ़े पंजीकरण के आंकड़े
यूपी में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए आवेदन की संख्या कई गुना बढ़ गई है।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर में हो रही मौतों के आंकड़ों की गवाह इन दिनों नगर निगम, नगर पालिका मुख्यालयों और जोन कार्यालयों में आ रहे मृत्यु प्रमाणपत्र (डेथ सर्टिफिकेट) के लिए आवेदन हैं। ये हालात तब हैं जब इनमें सरकारी अस्पतालों द्वारा जारी प्रमाणपत्रों की संख्या शामिल नहीं हैं। यूपी के लगभग सभी जिलों में पिछले वर्ष की तुलना में कई गुना तक आवेदन बढ़ गए हैं। 

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प्रयागराज में नगर निगम के आंकड़े में अप्रैल 2020 में कुल 229 मृत्यु प्रमाणपत्र बने थे। इस बार अप्रैल महीने में निगम मुख्यालय और जोन कार्यालयों में मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए 734 पंजीकरण हुए। जो कि पिछले वर्ष के इसी महीने की अपेक्षा तीन गुना से ज्यादा है। प्रयागराज में इन दिनों प्रत्येक श्मशान घाट पर रोज औसतन 30 से 40 शवों के अंतिम संस्कार हो रहे हैं। सबसे ज्यादा अंत्येष्टि रसूलाबाद और दारागंज घाटों पर हो रही है।

प्रयागराज के नगर आयुक्त रवि रंजन ने बताया कोविड से मौतों का प्रमाणपत्र अस्पताल से बनाया जा जहा है। उधर, नगर निगम द्वारा एक से 27 अप्रैल तक एकत्रित कराए आंकड़े के मुताबिक दारागंज विद्युत शवदाह गृह में करीब 400 शवों का अंतिम संस्कार हुआ। इसमें 20 से ज्यादा लावारिश शव भी थे। शंकरघाट विद्युत शवदाह गृह में 130 व दारागंज घाट पर एक से 16 अप्रैल तक करीब 350 शवों का दाह संस्कार किया गया। रसूलाबाद घाट पर भी 30 से 40 व फाफामऊ घाट पर शवों के जलाने का प्रतिदिन का औसत आंकड़ा 20 से 25 है।

आगरा और अलीगढ़ में भी बढ़ी संख्या : आगरा में बीते दो माह से मृत्यु प्रमाण पत्र के करीब 80 आवेदन आ रहे हैं, जबकि पूर्व में ये संख्या काफी कम होती थी। निगम के आंकड़ों की बात की जाए तो हर दिन 70 मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होते हैं। 240 मृत्यु प्रमाणपत्र लंबित लंबित हैं। अलीगढ़ नगर निगम ने अप्रैल में 210 मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए हैं। 25 प्रमाण पत्र अभी लंबित हैं।

मेरठ में पिछले वर्ष अप्रैल की तुलना में दोगुने आवेदन : मेरठ में वर्ष 2020 के अप्रैल माह में नगर निगम द्वारा कुल 309 मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए गए थे। दूसरी ओर इस वर्ष अप्रैल माह में कुल 636 मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए नगर निगम को आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। इनके सापेक्ष अभी तक 424 मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए जा चुके हैं, 212 मृत्यु प्रमाण पत्र अभी बनाया जाना है।

बनारस में रोजाना 150 से ज्यादा आवेदन : वाराणसी नगर निगम के जन्म-मृत्यु पंजीयन कार्यालय में बीते कुछ दिनों से रोजाना 150 से अधिक आवेदन आ रहे हैं। सामान्य दिनों में यह संख्या 20 से 25 तक रहती थी। इसे देखते हुए नगर निगम ने ऑनलाइन आवेदन के लिए 'सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम' नामक पोर्टल भी लांच किया है। नगर निगम में वरिष्ठ लिपिक राकेश सिंह ने बताया कि कार्यालयों में प्रमाणपत्र के आवेदन लिए जा रहे हैं। पोर्टल पर भी आवेदन आ रहे हैं। वर्तमान में करीब 800 प्रमाणपत्र लंबित हैं।


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