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Centenary Year of Lucknow University: हिमांशु की दास्तानगोई में सामने दिखने लगा काकोरी कांड का शौर्य

लखनऊ विश्वविद्यालय स्थापना के दिवस समारोह में हिमांशु बाजपेई ने सुनाई काकोरी कांड की दास्तान। शिया कॉलेज के पूर्व छात्र और अपनी दास्तानगोई के लिए मशहूर हिमांशु बाजपेई की काकोरी कांड को लेकर की गई दास्तानगोई में क्रांतिकारियों का शौर्य मानो आंखों के सामने नुमाया हो गया हो।

By Rafiya NazEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 07:42 PM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 07:42 PM (IST)
Centenary Year of Lucknow University:  हिमांशु की दास्तानगोई में सामने दिखने लगा काकोरी कांड का शौर्य
लखनऊ विश्वविद्यालय स्थापना के दिवस समारोह में हिमांशु बाजपेई ने सुनाई काकोरी कांड की दास्तान।

लखनऊ, जेएनएन।  शिया कॉलेज के पूर्व छात्र और अपनी दास्तानगोई के लिए मशहूर हिमांशु बाजपेई की काकोरी कांड को लेकर की गई दास्तानगोई में क्रांतिकारियों का शौर्य मानो आंखों के सामने नुमाया हो गया हो। करीब एक घंटे तक हिमांशु ने शानदार अंदाज में इस पूरी घटना को न केवल सुनाया बल्कि क्रांतिकारियों के बारे में अनकही कहानियां सुनाईं। उन्होंने लखनऊ के अनसुने इतिहास से भी सभी को दो-चार करवाया।

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लविवि के स्थापना दिवस समारोह के लिटरेरी फेस्ट के दौरान शनिवार को मालवीय सभागार में मौका था हिमांशु बाजपेई की दास्तानगोई का। उनकी इस दास्तानगोई का विषय था नौ अगस्त 1925 को हुई काकोरी रेलवे स्टेशन से कुछ आगे 8 डाउन पैसेंजर ट्रेन से सरकारी खजाने की लूट। रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्लाह खान, चंद्रशेखर आजाद, मनमथ नाथ, राजेंद्र नाथ लाहिणी, सचींद्रनाथ बोस सहीत 10 क्रांतिकारियों ने बारिश वाली उस शाम करीब 6:30 बजे सेकेंड क्लास के डिब्बे में चेन खींच कर रोकी गई। जिसके बाद अशफाकउल्लाह खान की कुल्हाडि़यों के वार ने खजाने वाले बक्से तोड़ दिए और क्रांतिकारी सरकारी खजाना लूट ले गए। जिसके बाद इस घटना को दुनिया में एक मिसाल राजनैतिक लूट माना गया था। जिससे अंग्रेज सरकार अंदर तक हिल गई थी। मगर अशफाकउल्लाह खान इस डकैती के शुरू से ही विरोधी थे। उनका डर सही निकला कुछ गलतियों की वजह से जिनमें मनमथ नाथ के हाथ से चली गोली से एक व्यक्ति की मौत होना, एक धर्मशाला की मुहर लगी चादर का मिलना, शाहजहांपुर से जुड़ा एक पर्चा मिल गया था।

जिसकी वजह से 26 सितंबर 1925 को सभी को पुलिस ने पकड़ लिया था। दास्तानगोई ने न केवल काकोरी कांड के महत्व को बताया बल्कि क्रांतिकारियों की जीवन से जुड़ी रोचक कहानियों को भी बेहतरीन अंदाज में सुनाया। इस दौरान प्रो निशी पांडेय मौजूद रहीं।


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